
दिल्ली हाई कोर्ट ने ग्रीनपीस की कार्यकर्ता प्रिया पिल्लई द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया. प्रिया बीते 11 जनवरी को IGI (इंदिरा गांधी इंटरनेशनल) एयरपोर्ट से लंदन जाने वाली फ्लाइट में सवार थीं, लेकिन उन्हें फ्लाइट से जबरदस्ती उतार दिया गया.
इस मामले को लेकर उन्होंने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जस्टिस राजीव शकधर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय, आव्रजन ब्यूरो और इंटेलीजेंस ब्यूरो को नोटिस जारी किया और 06 फरवरी तक जवाब सौंपने के लिए कहा. पिल्लई ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें फ्लाइट से उतारने की घटना गैरकानूनी और अराजक थी. उनके पास 6 महीने के लिए लंदन का वैध बिजनेस वीजा था और वह ब्रिटिश संसद में 14 जनवरी को व्याख्यान देने जा रही थीं.
पिल्लई की वकील सीनियर लॉयर इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट को बताया, 'ओवर एक्साइटेड सरकारी एजेंसियों द्वारा गैरकानूनी तरीके से फ्लाइट से उतारना न सिर्फ उनके फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के मौलिक अधिकार का अतिक्रमण है, बल्कि उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने का प्रयास है.'
जयसिंह ने कोर्ट में कहा कि पिल्लई को लंदन में 11 फरवरी को आयोजित बैठक में आमंत्रित किया गया है और उन्हें लंदन की यात्रा की अनुमति दी जानी चाहिए. पिल्लई को मध्य प्रदेश के महान में स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर प्रस्तावित कोयला खनन को रोकने के उनके अभियान के बारे में व्याख्यान देने के लिए ब्रिटिश सांसदों की ओर से आमंत्रित किया गया था.
हाई कोर्ट ने हाल ही में केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि गैर सरकारी संगठन ग्रीनपीस इंडिया की 1.87 करोड़ रुपये के फंड को मुक्त किया जाए. भारतीय रिजर्व बैंक ने जून 2014 में गृह मंत्रालय के निर्देश पर इस धनराशि को जब्त कर दिया था, जिसे संगठन ने कोर्ट में चुनौती दी थी.
- इनपुट IANS