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हाई कोर्ट ने महिला सुरक्षा पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर को लगाई फटकार

हाइकोर्ट का रवैया महिला सुरक्षा से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए बेहद सख्त था. कोर्ट ने पूछा है कि कमिश्नर अपनी रिपोर्ट में बताएं कि महिलाओं से संबंधी क्राइम के मामले में शुरू से जांच करने का क्या-क्या प्रावधान है. इसके अलावा एफआईआर के समय से केस का फॉलोअप कैसे किया जाता है.

हाई कोर्ट ने महिला सुरक्षा पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर को लगाई फटकार हाई कोर्ट ने महिला सुरक्षा पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर को लगाई फटकार
पूनम शर्मा
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  • 17 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:24 AM IST

महिला सुरक्षा पर लगाई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को तलब किया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि महिला सुरक्षा को लेकर आपकी क्या तैयारी है.

दिल्ली में 11 दिसंबर को हमें कोर्ट मे पेश होकर कमिश्नर खुद बताए और अगर वो न आ पा रहे हों तो जॉइंट कमिश्नर रैंक का कोई अधिकारी हमें अगली सुनवाई पर ये स्पष्टता दे कि अब तक महिला सुरक्षा पर क्या काम किया गया है और आगे की क्या तैयारी है. हाईकोर्ट का रवैया महिला सुरक्षा से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए बेहद सख्त था. कोर्ट ने पूछा है कि कमिश्नर अपनी रिपोर्ट में बताएं कि महिलाओं से संबंधी क्राइम के मामले में शुरू से जांच करने का क्या-क्या प्रावधान है. इसके अलावा एफआईआर के समय से केस का फॉलोअप कैसे किया जाता है.

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इसके अलावा जिन इलाकों मे महिलाओं के साथ क्राइम की ज्यादा वारदात होती है वहां वारदत कम करने  के लिए पुलिस ने अब तक क्या किया और क्या करने जा रही है. सीसीटीवी को पुलिस स्टेशनों और दिल्ली के सार्वजनिक इलाको में लगाने और पुलिसकर्मियों की भर्ती का काम करने को लेकर अब तक क्या किया जा रहा है.

सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने बताया कि उन्होंने पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाने के लिए गृहमंत्रालय को पत्र लिखा है. कोर्ट ने उनसे कहा कि वह इसका फॉलोअप करते रहें, कम से कम उन पद पर तो भर्ती समय से कर लें, जहां पर भर्ती करने की इजाज़त केंद्र सरकार दे चुकी है. उसको लटका के ना रखा जाए.

सुनवाई के दौरान कोर्ट मे मौजूद रही दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने कोर्ट को बताया कि हाल ही में तीन नाबालिग बच्चियों से बलात्कार की की घटना सामने आई है. जहांगीरपुरी इलाके में खुलेआम शराब और नशे का कारोबार हो रहा है.

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अस्पतालों में बलात्कार पीड़िता के लिए इलाज तक की सुविधा नहीं है. बोलते हुए मालीवाल की आंखों से आंसू आ गए. कोर्ट को रोते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में उन्होंने कई पुलिस थानों का दौरा किया हर जगह पुलिसकर्मियों की संख्या कम है. 

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