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सिटी से पहले स्मार्ट हो जाएगा हाईवे, नहीं लगेगा जाम

स्मार्ट सिटी से पहले अब देश के हाईवे स्मार्ट हो जाएंगे. सिर्फ एक डिवाइस के जरिए टोल नाकाओं पर जाम लगना बंद हो जाएगा. देश के तमाम हाईवे पर अब स्मार्ट टेक्नोलॉजी से लैस उपकरण लगेंगे.

इतिहास हो जाएगा टोल नाका पर लगनेवाला जाम इतिहास हो जाएगा टोल नाका पर लगनेवाला जाम
केशव कुमार/संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 16 मई 2016,
  • अपडेटेड 12:11 AM IST

क्या स्मार्ट सिटी से पहले अब देश के हाईवे स्मार्ट हो जाएंगे? सिर्फ एक डिवाइस के जरिए टोल नाकाओं पर जाम लगना बंद हो जाएगा. देश के तमाम हाईवे पर अब स्मार्ट टेक्नोलॉजी से लैस उपकरण लगेंगे.

सरकार ने हाईवे को और ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए सेटेलाइट के जरिए प्रोजेक्ट्स की डीपीआर तैयार करने का मन बना लिया है. इससे न केवल डीपीआर जल्दी बनेगा बल्कि ज्यादा हाईवे का निर्माण डिजाइन के स्तर पर भी दुर्घटनाओं के नजरिए से भी सुरक्षित होगा.

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इतिहास हो जाएगा टोल नाकों पर लगनेवाला जाम
हाईवे निर्माण और रखरखाव के लिए तमाम स्टेकहोल्डर्स के साथ कांफ्रेंस में सरकार ने कई नई तकनीकों की मदद लेने का ऐलान किया. केंद्रीय सड़क परिवहन और हाईवे मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि टोल नाकों पर लगने वाले जाम जल्दी ही इतिहास की बात हो जाएंगे. सिर्फ एक इलेक्ट्रॉनिक स्टिकर डिवाइस को वाहन मालिक के अकाउंट से जोड़ दिया जाएगा. इसे रिचार्ज कराओ और हाईवे पर बिना रोकटोक फर्राटे भरो.

शुरुआत में ही लिए गए सात लाख स्टिकर
नितिन गडकरी ने कहा कि शुरुआत में ही सात लाख लोगों ने ये स्टिकर लिए हैं. जल्दी ही सभी को इसका इस्तेमाल करना होगा. इससे ना केवल जाम से छुटकारा मिलेगा बल्कि कई और जरूरी सूचनाएं भी मिलेंगी. इस कांफ्रेंस में देश-विदेश में ऐसे उपकरण बनाने और बेचने वाली कई कंपनियों ने भी शिरकत की और अपने सुझाव दिए.

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चालक और परिवहन पर होगी पैनी निगाह
एक छोटा सा उपकरण ना सिर्फ परिवहन को आसान बना देगा, बल्कि चालक और वाहन पर पैनी निगाह भी रखेगा. यानी गाड़ी में सिर्फ एक चिप फिट करने के साथ ही चालक और परिवहन दोनों काबू में रहेंगे. जीपीएस सिस्टम से लैस इस उपकरण के जरिए देश भर के ढ़ाई लाख से ज्यादा मोटर यातायात पुलिस के जवानों और अधिकारियों के काम का बोझ कम किया जा सकता है.

नियम तोड़ने पर वसूलेगा जुर्माना
विशेषज्ञों के मुताबिक ये उपकरण लगाने के बाद इंश्योरेंस, प्रदूषण सर्टिफिकेट जैसे कागजात चैक करने की जरूरत नहीं रह जाएगी. सारा काम ऑटोमेटिक होगा. अगर किसी ने ट्रैफिक लाइट का उल्लंघन किया या निर्धारित सीमा से ज्यादा रफ्तार से वाहन चलाया तो ये उपकरण अपने आप इसकी सूचना दर्ज कर लेगा. किसी अगले टोल नाके पर पहुंचने पर वहां वाहन मालिक के अकाउंट से जुर्माने की रकम कट जाएगी. टोल नाका नहीं है तो किसी भी पेट्रोल पंप पर ईंधन भरवाने जाएगा तो वहां भी उससे जुर्माना वसूलने का ऑटोमेटिक इंतजाम होगा.

यातायात पुलिसकर्मियों का घटेगा बोझ
मंत्रालय के आईटी टास्क फोर्स के सदस्य विनीत गोयनका ने बताया कि इसके जरिए कई तरह से यातायात को नियंत्रित किया जा सकता है. साथ ही लाखों पुलिस कर्मियों को इस काम से फुर्सत मिल सकती है और उनका इस्तेमाल लॉ एंड आर्डर में हो सकता है. इसके अलावा हाईवे निर्माण में भी सैटेलाइट के जरिये निगाह रखी जाएगी.

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हाईवे की उम्र भी बढ़ाएगा नया उपकरण
उन्होंने कहा कि इससे हाईवे के अलाइनमेंट, पेड़-पौधों की स्थिति, हाईवे निर्माण की गुणवत्ता जैसी चीजों पर भी निगरानी रहेगी. विशेषज्ञों की टीम हाईवे के आसपास की मिट्टी में ही रासायनिक प्रतिक्रिया से ऐसा असर पैदा करेगी कि वहां की मिट्टी पत्थर से भी सख्त और हाईवे के उपयुक्त हो जाएगी. जिससे सड़क धंसने जैसे हादसे नहीं होंगे साथ ही हाईवे की उम्र भी बढ़ेगी.

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