
उत्तर-पश्चिम भारत में जुलाई महीने की शुरुआत झमाझम बारिश के साथ होने वाली है. मौसम विभाग का कहना है कि मानसून की काली घटाएं बंगाल की खाड़ी से होती हुई उत्तर भारत में जुलाई के शुरू में पहुंच जाएंगी. इसी के साथ एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस भी उत्तर भारत में दाखिल हो रहा है.
पहाड़ी के साथ मैदानी इलाकों में भी भारी बारिश की चेतावनी
मानसून और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के मेल-मिलाप के चलते राजधानी दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ साथ पहाड़ी राज्यों हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर में जोरदार बारिश का दौर शुरू होने की उम्मीद है. मौसम विभाग ने दो वेदर सिस्टम में टकराव की आशंका को देखते हुए हिमाचल और उत्तराखंड में जुलाई की शुरुआत में भारी बारिश होने की चेतावनी भी जारी कर दी है. ऐसी आशंका है कि 1 और 2 जुलाई को पहाड़ों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी कई जगहों पर भारी बारिश होने की पूरी संभावना है.
मानसूनी बारिश में तेजी की संभावना
वहीं मौसम विभाग के राडार भारी बारिश की किसी भी घटना को समय रहते पहचानने की अपनी कवायद में जुट गए हैं. उधर, दूसरी तरफ बंगाल की खाड़ी में एक दूसरा कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना बन गई है. ऐसा कहा जा रहा है कि 30 जून की शाम तक बंगाल की खाड़ी में एक कम जबाव का क्षेत्र बन जाएगा और इसके बाद ये भारत की मुख्य भूमि की तरफ चल निकलेगा. इससे मानसून की बारिश में और ज्यादा तेजी आने की आशंका है.
दिल्ली वालों को मानसून का इंतजार
उधर, दूसरी तरफ राजधानी दिल्ली में मानसून की गाड़ी लेट हो गई है. मौसम विभाग का कहना है कि वैसे तो मानसून के दिल्ली पहुंचने की सामान्य तारीख 29 जून है लेकिन इस बार मानसूनी घटाओं ने राजधानी के लोगों को अभी तक इंतजार करा रखा है. ऐसा अनुमान है कि मानसून की झमाझम बारिश जुलाई की शुरुआत में एक बार फिर से शुरू हो जाएगी. इसी के साथ राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में मानसून जुलाई की शुरुआत में दस्तक दे देगा.