
हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यीय विधानसभा में 82 उम्मीदवारों के नामांकन रद्द होने या वापस ले लेने के बाद अब मैदान में कुल 394 उम्मीदवार रह गए हैं. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. कांग्रेस और भाजपा ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, इसके अलावा करीब 150 निर्दलीय भी मैदान में हैं.
बता दें कि चुनाव 9 नवंबर को होना हैं. चुनावों के परिणाम की घोषणा 18 दिसम्बर को होगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख आज (26 अक्टूबर) है. हिमाचल प्रदेश में सभी 7,521 मतदान केंद्रों पर VVPAT वाली वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा और सभी पोलिंग बूथों की वीडियोग्राफी होगी.
आरक्षित विधानसभा सीट?
राज्य की 68 विधानसभा सीटों में से 17 विधानसभा सीट अनुसूचित जातियों और तीन अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं. अधिकारी ने बताया कि राज्य में कुल पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 49,13,888 है. पंजीकरण के लंबित मामलों के सुलझने के बाद इस संख्या में इजाफा हो सकता है.
पहली बार होगा वीवीपीएटी का इस्तेमाल
अधिकारी ने बताया कि वीवीपीएटी मशीन का उपयोग हिमाचल विधानसभा चुनाव में पहली बार हो रहा है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल सात जनवरी 2018 को समाप्त हो रहा है.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में पिछली बार 4 नवंबर को चुनाव हुआ था और 20 दिसंबर को नतीजा आया था. पिछली बार हिमाचल प्रदेश में कुल 68 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 36 सीटें जीती थीं. यहां बीजेपी की हार हुई थी और उसे 26 सीटें ही मिली थीं. बीजेपी ने प्रेम कुमार धूमल की अगुवाई में चुनाव लड़ा था. यहां से वीरभद्र सिंह छह बार मुख्यमंत्री रहे हैं.