
हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों के रुझानों में बीजेपी को साफ बढ़त मिली है. हिमाचल प्रदेश में बीजेपी स्पष्ट बहुमत को हासिल कर लिया है पर बीजेपी के सीएम पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल के हाथ से सीएम की कुर्सी हाथ से निकलती दिख रही है. सुजानपुर सीट पर बीजेपी के सीएम पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल कांग्रेस के उम्मीदवार राजिन्दर सिंह से हार गए हैं.
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के मुख्यमंत्री के चेहरे प्रेम कुमार धूमल की हार के बाद अब हिमाचल के नए मुख्यमंत्री को लेकर कयास लगने शुरू हो गए हैं. मुख्यमंत्री की दौड़ में जिन लोगों के नाम आ रहे हैं, उनमें सबसे पहले जय राम ठाकुर का नाम है. जय राम पूर्व मंत्री और पूर्व हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष भी रहे हैं. उन्हें आज ही दिल्ली बुला भी लिया गया है और दूसरी तरफ आरएसएस के प्रचारक अजय जामवाल, जो की मंडी इलाके से ही आते हैं. उनका नाम भी मुख्यमंत्री के संभावितों में लिया जा रहा है.
धूमल की हार और सीएम के नाम पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि हम लोगों की भावना का सम्मान करते हैं. आज पार्टी की बोर्ड मीटिंग में फैसला लिया जाएगा. वहीं हार के बाद प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि उनकी व्यक्तिगत हार मायने नहीं रखती है, पार्टी की जीत ज्यादा महत्वपूर्ण जीत है. धूमल ने कहा कि हार जीत जिंदगी का हिस्सा है.
हिमाचल प्रदेश की सभी 68 विधानसभा सीटों के रुझानों में तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है और राज्य में बीजेपी की सरकार बन रही है. हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल सुजानपुर सीट खो चुके हैं. ऐसे में प्रेम कुमार धूमल सुजानपुर सीट पर हुई हार से अब बीजेपी को सीएम पद के लिए कोई दूसरा नाम लाना होगा.
हिमाचल प्रदेश में भले ही बीजेपी ने जीत हासिल की हो, लेकिन दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और तीन बार से विधायक सतपाल सिंह सत्ती भी ऊना सीट से चुनाव हार गए हैं. कांग्रेस उम्मीदवार सतपाल सिंह रायजादा ने उन्हें 3196 वोट से हराया.
नड्डा बनेंगे मुख्यमंत्री?
अगर प्रेम कुमार धूमल की हार के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा बीजेपी की दूसरी पसंद बन सकते हैं. नड्डा को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद के तौर पर देखा जा रहा था. लेकिन ऐन वक्त पर प्रेम कुमार धूमल को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया. धूमल के नाम के ऐलान से सबसे ज्यादा झटका जेपी नड्डा खेमे को ही लगा था. बीजेपी आलाकमान जिस तरह से पिछले दो साल से नड्डा को राज्य में प्रोजेक्ट कर रहा था और उन्हें जिम्मेदारियां दे रहा था, उसे देखते हुए नड्डा समर्थक अपने नेता को सीएम पद का स्वाभाविक उम्मीदवार मान रहे थे पर सियासी समीकरण को देखते हुए धूमल को चुनाव के मैदान में उतार दिया गया.
ऐन वक्त पर धूमल पर खेला था दांव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की हिमाचल में होने वाली रैलियों की जिम्मेदारी खासतौर पर जेपी नड्डा को दी गईं. लेकिन चुनावी पारा जब अपने पूरे उफान पर पहुंचा तो धूमल पर दांव खेल दिया गया. हिमाचल प्रदेश की सियासत में राजपूत समुदाय सबसे अहम है. राज्य में सबसे ज्यादा करीब 37 फीसदी राजपूत मतदाता हैं. 18 फीसदी ब्राह्मण इसके बाद आते हैं. प्रेम कुमार धूमल राजपूत समुदाय से आते हैं तो वहीं जेपी नड्डा ब्राह्मण हैं. इस तरह देखा जाए तो धूमल का वोट बैंक नड्डा से दोगुने से भी ज्यादा है. ऐसे में ब्राह्मण पर दांव खेलकर बीजेपी राजपूतों को नाराज नहीं करना चाहती थी.
सुजानपुर निर्वाचन क्षेत्र 9 वार्डों में विभाजित है. यह हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में स्थित है.