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गंगा के दर्शन मात्र से मिट जाते हैं जन्म-जन्मांतर के पाप...

मां गंगा शिव जी की जटाओं में वास करती हैं और इनकी पूजा का विशेष महत्‍व है. माना जाता है कि मां गंगा के दर्शन मात्र से ही सारे पापा नष्‍ट हो जाते हैं...

मां गंगा मां गंगा
वन्‍दना यादव
  • नई दिल्ली,
  • 24 मई 2016,
  • अपडेटेड 12:14 PM IST

परमपावनी गंगा मइया की महिमा ही अपरंपार है. कहते हैं कि बड़े भाग्य से गंगा मइया के दर्शन होते हैं और उससे भी उत्तम भाग्य हो तो मिलता है उनके जल में डुबकी लगाने का अवसर. अपनी दैवीय शक्तियों और विशाल हृदय के कारण ही गंगा को मां का दर्जा मिला है. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो इंसान के जाने-अनजाने तमाम पापों को नष्ट करने की चमत्कारी शक्ति गंगा जल में है.

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गंगा का धार्मिक महत्व...
- गंगा नदी अपने विशेष गुणों वाले जल के कारण मूल्यवान मानी जाती है.
- गंगा जल अपनी शुद्धता और पवित्रता को लम्बे समय तक बनाए रखता है.
- मान्यता है कि गंगा का जन्म भगवान विष्णु के पैरों से हुआ था.
- मां गंगा महादेव की जटाओं में निवास करती हैं.
- गंगा स्नान, पूजन और दर्शन करने से पापों का नाश होता है और व्याधियों से मुक्ति मिलती है.
- जो तीर्थ गंगा किनारे बसे हुए हैं. वे दूसरे तीर्थों की तुलना में ज्यादा पवित्र माने जाते हैं.

गंगा का वैज्ञानिक महत्व
मां गंगा से केवल धार्मिक भावनाएं नहीं जुड़ी हैं. विज्ञान भी इस अद्वितीय जल के गुणों के आगे नतमस्तक है. कई प्रयासों के बाद भी विज्ञान गंगा जल के गुणों का सही-सही रहस्य नहीं जान पाया. आइए, जानते हैं क्या है गंगा जल का वैज्ञानिक महत्व ...
- गंगा नदी का जल सालों तक प्रयोग करने और रखने पर भी खराब नहीं होता.
- गंगा जल के नियमित प्रयोग से रोग दूर होते हैं.
- हालांकि गंगा के इन गुणों के रहस्य से लोग बहुत हद तक अनजान हैं.
- कुछ लोग इसे चमत्कार कहते हैं, कुछ लोग इसे जड़ी बूटियों और आयुर्वेद से जोड़ते हैं.
- विज्ञान भी इसके दैवीय और चमत्कारी गुणों को स्वीकार करता है.
- अध्यात्म की दुनिया में इसे सकारात्मक उर्जा का चमत्कार कह सकते हैं.

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गंगा जल के विशेष प्रयोग...

अच्छी सेहत और लंबी आयु के लिए
गंगा जल की चमत्कारी शक्तियों के ज्योतिषीय प्रयोग भी किए जाते हैं. ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक गंगा जल के विशेष प्रयोगों से आप अच्छी सेहत और लंबी उम्र का वरदान भी पा सकते हैं...
- हर सोमवार को शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करें.
- जल अर्पित करते समय या तो महामृत्युंजय मंत्र पढ़ते रहें या 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करते रहें.
- मंत्र जाप के बाद शिव जी से आयु रक्षा और उत्तम सेहत की प्रार्थना करें.

गलतियों के प्रायश्चित के लिए
ज्योतिष के जानकारों की मानें तो दिव्य गंगा जल के विशेष प्रयोगों से बड़ी से बड़ी गलती का प्रायश्चित किया जा सकता है...
- कपड़े पहनकर ही गंगा जल से या गंगा नदी में स्नान करें.
- एक स्नान में कम से कम तीन बार डुबकी लगाएं.
- नहाने के बाद पुराने कपड़े वहीं छोड़ दें.
- नए कपड़े पहनें और गलतियों के लिए क्षमा-याचना करें.
- इसके बाद किसी जरूरतमंद को अन्न या फल का दान करें.

आर्थिक लाभ के लिए
अगर आपके जीवन में धन की कमी है तो गंगा जल के विशेष प्रयोगों से इस समस्या का भी समाधान हो सकता है...
- हर बृहस्पतिवार को पंचामृत बनाएं और उसमें गंगाजल मिलाएं.
- इस पंचामृत से भगवान विष्णु का अभिषेक करें.
- पंचामृत इकट्ठा कर लें और इसे प्रसाद रूप में ग्रहण करें.
- इस दिन तामसिक आहार का सेवन न करें.
- धीरे-धीरे आपकी आर्थिक स्थिति उत्तम हो जाएगी.

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