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विवादित इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाइक के खिलाफ कार्रवाई के लिए जांच एजेंसियों के पास अभी तक ठोस प्रमाण नहीं हैं. सूत्रों के हवाले से खबर है कि गृह मंत्रालय ने एजेंसियों से और सबूत जुटाने के लिए जाकिर नाइक की आपत्तिजनक भाषणों की गहराई पड़ताल करने को कहा है.
ठोस प्रमाण जुटाने का आदेश
खबरों की मानें तो जांच एजेंसियों को इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के प्रचार सामग्री और उसके द्वारा प्रकाशित किए जा रहे पत्रिका, पोस्टर और दूसरे प्रचार सामग्री की जांच करने को कहा गया है. कानूनी सलाह लेने के बाद गृह मंत्रालय ने जांच एजेंसियों को नाइक के खिलाफ ठोस सबूत जुटाने का आदेश दिया.
शुरुआती कई सबूत नाइक के खिलाफ
हालांकि SG ने गृह मंत्रालय को दी गई अपनी रिपोर्ट में कहा था कि जाकिर नाइक और उनकी संस्था स्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए शुरुआती सबूत मिले हैं. लेकिन मामला कोर्ट में टिक पाए इसके लिए और पुख्ता सबूत जुटाने के लिए जांच एजेंसियों को कहा गया है.
दस्तावेजों की जांच में लग सकता है वक्त
सूत्रों के मुताबिक नाइक के भाषणों की जांच और दस्तावेजों की पड़ताल में और वक्त लग सकता है. फिलहाल जाकिर नाइक सऊदी अरब में हैं और पिछले दिनों अगले साल भारत आने का संकेत दिया था. वहीं अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारते हुए नाइक ने कहा था कि उनके उपदेशों से प्रभावित होकर कोई भी आंतकी गतिविधियों में संलिप्त नहीं रहा है.
ढाका आतंकी हमले के बाद से नाइक विवादों में
गौरतलब है कि ढाका आतंकी हमले के बाद जाकिर नाइक उस वक्त खासे चर्चा में आ गए थे जब हमलावरों ने यह कहा कि वो उनके उपदेशों से काफी प्रभावित थे. इसके बाद जाकिर नाइक ने सभी आतंकी घटनाओं पर दुख जताया था और दोहराया था कि उनके संदेश शांति को बढ़ावा देते हैं.