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क्या आपका बच्चा भी छिपकर एडल्ट फिल्में देखता है? ऐसे छुड़ाएं उसकी आदत

हाल में आई एक स्टडी में कहा गया है कि अपने बच्चों से खुलकर बात करना हमेशा अच्छा रहता है. ऐसा करने से उसके गलत संगत में पड़ने की आशंका भी कम हो जाती है और उसकी कई गलत आदतों काे सुधारा भी जा सकता है.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 सितंबर 2015,
  • अपडेटेड 1:38 PM IST

हाल में आई एक स्टडी में कहा गया है कि अपने बच्चों से खुलकर बात करना हमेशा अच्छा रहता है. ऐसा करने से उसके गलत संगत में पड़ने की आशंका भी कम हो जाती है और उसकी कई गलत आदतों काे सुधारा भी जा सकता है.

स्टडी में यह भी कहा गया है कि अगर आप शुरुआत से ही बच्चे के साथ खुलकर बातें करते हैं तो एेसा करना उसके व्यक्त‍ित्व को निखारता है. साथ ही वह पोर्न देखने या एडल्ट बातें करने से बच भी जाता है.

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स्टडी के प्रमुख लेखक का कहना है कि बच्चे को पोर्न फिल्में देखने के नकारात्मक प्रभाव बताना बहुत जरूरी है. उसे यह समझाने की जरूरत है कि पोर्न फिल्में देखना उसके भविष्य के लिए सही नहीं है.

मां-बाप चाहें तो बच्चों की ये आदत छुड़ाने के लिए मीडिया का भी सहारा ले सकते हैं. टेक्सस टेक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की टीम ने कॉलेज जाने वाले 300 छात्रों से ये जानने की कोशिश की कि अंतिम बार उन्होंने अपने माता-पिता से इस मामले पर कब बात की थी.

इन सभी का कहना था कि उन्हें उनके मां-बाप ने एडल्ट फिल्में देखते पकड़ लिया था, जिसके बाद उन्हें पोर्न न देखने को लेकर कई बातें सुननी पड़ीं. शोध प्रमुख रैसमसन के अनुसार, मां-बाप को बच्चों के साथ पोर्नोग्राफी पर खुलकर बात करनी चाहिए.

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बच्चे को अगर शुरुआत से ही एडल्ट फिल्मों और उसके नुकसान के बारे में पता होगा तो वह खुद ही इनको देखने से परहेज करेगा. लेकिन मां-बाप इन बातों पर बच्चों के साथ बात नहीं करेंगे तो वे इसके फायदे और नुकसान के बारे में समझ नहीं पाएंगे. यह भी हो सकता है कि कभी-कभी छिपकर पोर्न देखने की शुरुआती आदत बाद में लत बन जाए और आगे चलकर उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ें.

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