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अलगाववादी पार्टी हुर्रियत कान्फ्रेंस ने मंगलवार को नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट (NEET) पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की खुलकर आलोचना की और कहा कि कोर्ट जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को नजरअंदाज नहीं कर सकता.
हुर्रियत प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी ने कहा, 'जम्मू कश्मीर से दूसरे राज्यों की तरह बर्ताव से न्याय के मापदंड पूरे नहीं होते. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राज्य का विशेष दर्जा और संवेदनशीलता नजरअंदाज हुई.' गिलानी ने कहा कि जम्मू कश्मीर और भारत के दूसरे राज्यों में कोई समानता नहीं है क्योंकि इस राज्य का अपना संविधान और कानून है, जो कोर्ट के फैसले में साफ तौर पर नजरअंदाज हुआ.
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने महबूबा सरकार पर बोला हमला
सोमवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस ने महबूबा
मुफ्ती की सरकार पर इस मामले में राज्य का पक्ष कोर्ट में ठीक से न रख पाने के लिए हमला बोला था. विपक्ष के हमले के बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को विपक्ष के लिए कहा था कि ये लोग कई बार गैर जरूरी मुद्दे उठाते हैं, कभी एनआईटी, कभी नीट और कभी सैनिक कॉलोनी.
कानूनी विशेषज्ञों से राय लेंगे गिलानी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार के लिए नीट पर स्टैंड लेना और मुश्किल हो गया है. गिलानी ने कहा कि वे इस मुद्दे पर कानूनी विशेषज्ञों से राय लेंगे छात्रों का करियर और राज्य का विशेष दर्जा बचाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे.