
भारत-पाकिस्तान के बीच अगले साल जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में विदेश सचिव स्तर की बातचीत हो सकती है. दोनों मुल्कों के बीच रिश्तों में मिठास घोलने की कवायद जहां पेरिस में पीएम नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच मुलाकात से शुरू हो चुकी है, वहीं इस ओर हुर्रियत फिलहाल कोई अड़चन बनने वाला नहीं है.
सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भारत हुर्रियत को दोनों मुल्कों की बातचीत में कोई बड़ी अड़चन या मुद्दा नहीं मानता है. हालांकि, सरकार का यह मानना है कि अगर पाकिस्तान चाहे तो वह हुर्रियत के साथ मशगूल हो सकता है, लेकिन दोनों देशों के बीच औपचारिक बातचीत में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं होगी.
बताया जाता है कि भारत ने पाकिस्तान से साफ कर दिया है कि औपचारिक बातचीत द्विपक्षीय होगी.
काबुल का दौरा करेंगे PM मोदी
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी साल दिसंबर में या अगले साल जनवरी की शुरुआत में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल का दौरा कर सकते हैं. अभी इस दौरे को लेकर सुरक्षा समीक्षा की जा रही है. इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री अफगान संसद की इमारत को औपचारिक रूप से अफगानिस्तान को सौंपेंगे, जिसका निर्माण भारत ने किया है.
सुषमा की पाकिस्तान यात्रा और समग्र बातचीत
गौरतलब है कि अपने पाकिस्तान दौरे के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस्लामाबाद में घोषणा की कि दोनों देश समग्र वार्ता के लिए तैयार हो गए हैं. हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस में हिस्सेदारी करने के लिए विदेश मंत्री के पाकिस्तान दौरे के बीच जहां 26/11 के बाद बंद हो चुकी बातचीत का डेडलॉक खुला, वहीं भारत-पाकिस्तान के बीच आतंकवाद के खिलाफ नई साझेदारी भी देखने को मिली.
सुषमा स्वराज की पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम नवाज शरीफ और विदेश मंत्री सरताज अजीज से मुलाकात के बाद जारी साझा बयान में कहा गया कि दोनों मुल्क कश्मीर पर बातचीत को तैयार हैं तो पाकिस्तान ने मुंबई हमले की जांच में तेजी लाने का भरोसा जताया है.
इस दौरान सुषमा स्वराज ने बैंकॉक में दोनों देशों के एनएसए स्तर की वार्ता की सफलता का जिक्र करते हुए कहा, 'बैंकॉक में वार्ता की सफलता के बाद ही हमने समग्र वार्ता का निर्णय लिया है. दोनों देशों के विदेश सचिवों को इस ओर कार्यक्रम और रूपरेखा तय करने के लिए कहा गया है. इसमें कई और चीजों को भी जोड़ा जा सकता है.