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क्या आपके पति भी आपसे इतना ही प्यार करते हैं?

ये कहानी है तोशीयुकी और उनकी पत्नी यासुको की. तोशीयुकी ने अपनी पत्नी को वो तोहफा दिया है जो शायद दुनिया के किसी भी पति ने अपनी पत्नी को नहीं दिया होगा.

हर पति के लिए मिसाल हैं ये हर पति के लिए मिसाल हैं ये
भूमिका राय
  • नई दिल्ली,
  • 20 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 11:50 AM IST

आपने प्यार करने वाले तो बहुत देखे होंगे लेकिन शायद ही इनके जैसा देखा हो. आमतौर पर लोगों को लगता है कि शादी के कुछ सालों बाद 'वो पहले वाली बात' नहीं रह जाती लेकिन इस जोड़े की कहानी आपको सोचने पर मजबूर कर देगी.

ये कहानी है तोशीयुकी और उनकी पत्नी यासुको की. उन्होंने अपनी पत्नी को वो तोहफा दिया है जो दुनिया के किसी भी पति ने अपनी पत्नी को नहीं दिया होगा. तोशीयुकी की पत्नी यासुको देख नहीं सकतीं. सालों से वो अपने पति की नजरों से ही दुनिया देख रही हैं. यासुको को मधुमेह की समस्या थी जो इस कदर बढ़ गई की उनकी आंखों की रोशनी चली गई.

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शायद कोई और होता तो अपनी पत्नी को एक बोझ मान लेता लेकिन तोशीयुकी ने अपनी जिम्मेदारी उठाई और अपनी पत्नी को एक बच्चे की तरह संभाला. तोशीयुकी डेयरी का काम करते थे. वो अपनी ओर से तो पूरी कोशिश करते थे कि उनकी पत्नी को कुछ भी असमान्य न लगे लेकिन उनकी पत्नी ने धीरे-धीरे खुद को दुनिया से अलग कर लिया. कुछ दिनों बाद उनका यही अकेलापन उन्हें बीमार बनाने लगा और वो डिप्रेशन का शिकार हो गईं.


उसी समय तोशीयुकी के दिमाग में एक ख्याल आया. उन्होंने एक ऐसा गार्डेन तैयार करने का फैसला किया जिसे देखने लोग दूर-दूर से आएं. ऐसा करने के पीछे की सोच बेहद खास थी. तोशीयुकी चाहते थे कि ये बगीचा इतना खूबसूरत हो कि लोग इसे दूर-दूर से देखने आएं और उनकी पत्नी से मिलें. जिससे उनका अकेलापन दूर हो जाए.

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वेलेंटाइन डे पर लोग एक दूसरे को फूलों के गुलदस्ते देते हैं लेकिन इस पति के प्यार को आप क्या कहेंगे जिसने अपनी पत्नी के लिए पूरा गार्डेन ही तैयार कर दिया. जापान में रहने वाले तोशीयुकी और यासुको की शादी को 60 साल हो चुके हैं. शादी के कुछ दिनों बाद ही उनकी जिंदगी में एक तूफान आया और यासुको की आंखों की रोशनी चली गई. उस समय तोशीयुकी के पास 60 मवेशी थे और पत्नी की इस स्थिति के चलते उनका काम प्रभावित हो रहा था.

यासुको न तो किसी से मिलती थीं और न ही अपने कमरे से बाहर आती थीं. तभी तोशीयुकी के दिमाग में गार्डेन तैयार करने का ख्याल आया. अपनी इस योजना को साकार रूप देने के लिए उन्होंने अपना डेयरी का काम छोड़ दिया और गार्डेन तैयार करने के काम में जुट गए.

उन्होंने अपने घर के चारों ओर शिबाजाकुरा के हजारों गुलाबी फूल लगा रखे हैं. इस गार्डेन को तैयार करने में उन्हें 10 साल का समय लगा. हर साल करीब 7 हजार लोग ये गार्डेन देखने आते हैं. उनके घर के बाहर लगे ये फूल किसी गुलाबी कालीन जैसे लगते हैं. यहां लोग गार्डेन देखने तो आते हैं ही साथ ही इस जोड़े की प्रेम कहानी भी उन्हें बहुत आकर्ष‍ित करती है.

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