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हैदराबाद एनकाउंटर पर सवालों के बीच NHRC ने किया घटनास्थल का निरीक्षण

हैदराबाद एनकाउंटर की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की टीम घटनास्थल के साथ-साथ उस अस्पताल का भी दौरा किया जहां चारों आरोपियों के शव रखे गए हैं. एनएचआरसी पहले ही एनकाउंटर पर चिंता जता चुकी है.

एनकाउंटर स्थल का मुआयना करती एनएचआरसी की टीम (फोटोः ANI) एनकाउंटर स्थल का मुआयना करती एनएचआरसी की टीम (फोटोः ANI)
अरविंद ओझा
  • हैदराबाद,
  • 07 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 7:26 PM IST

  • पुलिस से कर रिपोर्ट तलब कर सकता है जांच दल
  • बढ़ सकती है हीरो बनी हैदराबाद पुलिस की मुश्किल
  • NHRC टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया

महिला वेटनरी डॉक्टर के साथ दरिंदगी के चार आरोपियों को हैदराबाद पुलिस ने शुक्रवार को एनकाउंटर में मार गिराया था. इस एनकाउंटर से हीरो बनी पुलिस की मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं. एनकाउंटर की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की टीम ने आज शनिवार को हैदराबाद में घटनास्थल के अलावा उस जगह का भी दौरा किया जहां सभी आरोपियों के शव रखे गए हैं.

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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) टीम ने हैदराबाद पहुंचने के बाद महबूबनगर सरकारी अस्पताल का निरीक्षण किया जहां सभी चारों आरोपियों के शव रखे गए हैं. कोर्ट के आदेश के बाद इन शवों को 9 दिसंबर तक सुरक्षित रखा गया है.

सरकारी अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद एनएचआरसी टीम ने उस घटनास्थल का दौरा किया जहां पर शुक्रवार सुबह एक एनकाउंटर में सभी चारों आरोपी मारे गए थे.

चिंता का विषय एनकाउंटरः NHRC

इससे पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने इस एनकाउंटर को चिंता का विषय बताया था. एनएचआरसी  की जांच टीम पुलिस अधिकारियों से एनकाउंटर पर रिपोर्ट तलब कर सकती है. एनएचआरसी ने इस घटना का स्वतः संज्ञान लिया. आयोग ने शुक्रवार को ही जांच के लिए एक टीम को तत्काल रवाना करने का निर्देश दिया था.

हाई कोर्ट ने डेड बॉडी सुरक्षित रखने को कहा

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एक तरफ मानवाधिकार आयोग ने जांच का निर्देश दिया है, तो वहीं दूसरी तरफ हाई कोर्ट ने पुलिस से मारे गए आरोपियों की डेड बॉडी 9 दिसंबर तक सुरक्षित रखने को कहा है. हालात की गंभीरता को पुलिस भी समझ रही है. पुलिस ने एनकाउंटर साइट को घेर रखा है. किसी को भी एनकाउंटर स्थल तक आने- जाने की इजाजत नहीं दी जा रही.

एनकाउंटर पर उठ रहे सवाल

आरोपियों का एनकाउंटर करने के बाद जनता ने पुलिस की तारीफ की. पीड़िता के पिता ने कहा कि मेरी बेटी की आत्मा को शांति मिल गई, लोगों ने पुलिस पर फूलों की वर्षा की, लड़कियों ने पुलिस को धन्यवाद कहा, भारतीय जनता पार्टी ने भी इसे सराहा. इन सबके बीच एनकाउंटर को लेकर सवाल भी उठे.

असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया कि प्रत्येक एनकाउंटर की जांच होनी चाहिए. वहीं भाजपा सांसद मेनका गांधी ने भी इसे भयानक बताया. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा था कि हम फांसी की सजा चाहते थे, लेकिन कानूनी प्रक्रिया के तहत. वहीं वृंदा ग्रोवर ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने का ऐलान किया था.

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