
पूरे देश में जैसे किसी न किसी चीज से मुक्त करने का अभियान सा चला हुआ है. कांग्रेस मुक्त का नारा देकर नरेंद्र मोदी ने केंद्र में BJP की सरकार बनाई. फिर खुले में शौच मुक्त का नारा दिया गया. और अब हैदराबाद में भिक्षावृत्ति मुक्त का शिगुफा उठ खड़ा हुआ है.
सबसे मजेदार यह है कि हैदराबाद प्रशासन भीखारियों के पुनर्वास और उनकी बेहतरी के जरिए इस प्राचीन शहर को भीक्षावृत्ति से मुक्त नहीं करने जा रही, बल्कि सीधे भीखारियों पर भीख मांगने पर ही प्रतिबंध लगा दिया है.
इतना ही नहीं अब हैदराबाद के सार्वजनिक स्थलों को भिखारियों से मुक्त करवाने के लिए तेलंगाना कारागार विभाग ने भिखारियों की पहचान करने वालों को 500 रुपये का इनाम देने की घोषणा की है.
घोषणा के अनुसार 25 दिसंबर के बाद इस योजना को अमली जामा पहनाना शुरू होगा. मतलब 25 दिसंबर के बाद जो भी व्यक्ति तेलंगाना कारागार विभाग को किसी जगह भीखारी के होने की जानकारी देगा, उसे 500 रुपये दिए जाएंगे.
गौरतलब है कि हैदराबाद पुलिस पहले ही सात जनवरी, 2018 तक शहर की सड़कों पर भीख मांगने पर रोक लगा चुकी है. पुलिस का कहना है कि इससे वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए परेशानी पैदा होती है.
राज्य सुधार प्रशासन संस्थान के उप प्राचार्य एम संपत ने का कहना है कि शहर के नागरिक भीख मांग रहे किसी भी व्यक्ति के बारे में कारागार नियंत्रण कक्ष को सूचित कर सकते हैं. 25 दिसंबर से कारावास विभाग में भिक्षुकों की पहचान करने वाले और इस बारे में अधिकारियों को सूचित करने वाले को 500 रुपये का इनाम दिया जाएगा.