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हाइड्रोजन बमः 5 बातें, जो जानना जरूरी है

उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम के दावे ने एक बार फिर विवाद पैदा कर दिया है. अमेरिका तो इस पर सख्त ऐतराज भी जता चुका है. दुनियाभर में हलचल होना तय है, क्योंकि यह दुनिया का सबसे खतरनाक बम है.

उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम परीक्षण की खबर दक्षिण कोरिया में दिखाई गई उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम परीक्षण की खबर दक्षिण कोरिया में दिखाई गई
विकास वशिष्ठ
  • नई दिल्ली,
  • 06 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 10:39 AM IST

उत्तर कोरिया ने हाइड्रोजन बम का परीक्षण करने का दावा कर दुनियाभर में हलचल मचा दी है. वैसे, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने दिसंबर में ही संकेत दे दिए थे कि उन्होंने हाइड्रोजन बम बना लिया है. इससे पहले उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर विवादों में रहा है. अब हाइड्रोजन बम के परीक्षण पर अमेरिका ने सख्त ऐतराज जताया है.

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हलचल इसलिए है, क्योंकि हाइड्रोजन बम दुनिया का सबसे खतरनाक और विनाशकारी बम है. हालांकि अभी तक किसी भी युद्ध में इसका इस्तेमाल नहीं हुआ है. जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में भी परमाणु बम गिराए गए थे, जबकि हाइड्रोजन बम इससे कई गुना ज्यादा विनाशकारी होता है.

  • हाइड्रोजन बम एक विस्फोट में शहर के शहर तबाह कर सकता है. 9 मई 1951 को पहला हाइड्रोजन बम परीक्षण हुआ था.
  • दोनों तरह के बम में अंतर यही है कि एटम बम में फिजन से गर्मी पैदा होती है, जबकि हाइड्रोजन बम में एटम के फ्यूजन से.
  • फ्यूजन के लिए 1 करोड़ डिग्री से ज्यादा तापमान जरूरी है. हाइड्रोजन बम में फिजन व फ्यूजन दोनों का इस्तेमाल होता है.

फिजन और फ्यूज में यह अंतर
फिजन और फ्यूजन दोनों अलग-अलग प्रक्रियाएं हैं. फिजन में एक परमाणु दो या ज्यादा छोटे अणुओं में बिखर जाता है. जबकि फ्यूजन तब होता है जब दो या ज्यादा अणु आपस में मिलते हैं और बड़ा व भारी परमाणु बनाते हैं.

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  • हाइड्रोडन बम हाइड्रोजन के अणुओं के फ्यूजन से बनता है. इसीलिए इसे हाइड्रोजन बम कहते हैं. यह फिजन और फ्यूजन से बनता है.

 

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