
सीबीआई की एक अदालत ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी राजीव
कुमार को नोएडा भूखंड आवंटन घोटाले में न्यायिक हिरासत में डासना जेल भेज
दिया. पूर्व उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने सोमवार को अदालत के सामने
आत्मसमर्पण कर दिया. इसके बाद अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में लेने के
बाद जेल भेज दिया.
जानकारी के मुताबिक, राजीव कुमार ने इलाहाबाद
उच्च न्यायालय में केस हारने के बाद सोमवार को सीबीआई की अदालत में
आत्मसमर्पण किया. वह उत्तर प्रदेश सरकार में कार्मिक विभाग में मुख्य सचिव
(नियुक्ति) रह चुके हैं. उनकी साथी और नोएडा की तत्कालीन मुख्य कार्यकारी
अधिकारी नीरा यादव अदालत में पहले ही आत्मसमर्पण कर चुकी हैं.
नीरा
यादव इस वक्त जेल में हैं. उन्हें 2012 में तीन साल के कारावास की सजा
सुनाई गई थी. सीबीआई की स्थानीय अदालत ने सभी आरोपियों को तीन-तीन साल की
सजा सुनाई है. राजीव कुमार उस वक्त नोएडा के डीसीईओ थे. उन पर 1994 में
नोएडा में अपने कार्यकाल के दौरान अवैध भूखंड आवंटन के दो मामलों में एक-एक
लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
गाजियाबाद में सीबीआई के
विशेष न्यायाधीश एस. लाल ने नोएडा भूखंड आवंटन घोटाले में फैसला सुनाते हुए
कहा कि अदालत ने उन्हें अपने पद का दुरुपयोग करने का दोषी पाया है. इसलिए
उन पर दो मामलों में एक लाख रुपये और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाने के
साथ ही तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है.