Advertisement

चंदा कोचर के इस रिश्तेदार की कंपनी देती थी ICICI बैंक के कर्जदारों को लोन निपटाने पर सलाह!

आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ एवं एमडी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के वीडियोकॉन प्रमोटर वेणुगोपाल धूत के साथ लेनदेन सवालों के घेरे में तो है हीं, इस बीच उनके एक अन्य रिश्तेदार से जुड़ा हितों के टकराव का मामला भी सामने आया है.

आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ एवं एमडी चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ एवं एमडी चंदा कोचर
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 03 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 1:30 PM IST

आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ एवं एमडी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के वीडियोकॉन प्रमोटर वेणुगोपाल धूत के साथ लेनदेन सवालों के घेरे में तो है हीं, इस बीच उनके एक अन्य रिश्तेदार से जुड़ा हितों के टकराव का मामला भी सामने आया है. यह मसला है दीपक कोचर के भाई की सिंगापुर स्थ‍ित एक फाइनेंशियल कंपनी का.

दीपक कोचर के भाई राजीव कोचर की सिंगापुर स्थित इस फाइनेंशियल कंपनी का नाम है, अविस्टा एडवायजरी. इस कंपनी को पिछले छह साल में सात कंपनियों के करीब 1.7 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा लोन को रीस्ट्रक्चर करने का काम मिला है, और संयोग से ये सभी कंपनियां ICICI बैंक की भी कर्जदार हैं. ऐसे ही एक सौदे में कर्जदारों का लीड बैंक आईसीआईसीआई है.

Advertisement

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, एविस्टा एडइवाजरी ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक कंपनी ने जयप्रकाश एसोसिएट्स, जयप्रकाश पावर वेंचर्स, जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर, सुजलॉन, जेएसएल और वीडियोकॉन ग्रुप के डेट रीस्ट्रक्चरिंग में सलाहकार की भूमिका निभाई है.  

क्या होती है लोन रीस्ट्रक्चरिंग   

जब कोई कंपनी लोन चुकाने की स्थ‍िति में नहीं रहती, तो वह लोन की मूल शर्तों और दशाओं में ढील देने की मांग करती है. इसे ही लोन रीस्ट्रक्चरिंग कहते हैं. बैंक ऐसे में कई बार कुछ रियायतें देते हैं, जैसे-ब्याज दर में कमी, ब्याज लेने से छूट, लोन चुकाने की अवधि में बदलाव आदि.

साल 2017 में एविस्टा ने जयप्रकाश एसोसिएट्स के 11 करोड़ डॉलर के फॉरेन करेंसी कन्वर्टिबल बॉन्ड्स (FCCB) के रीस्ट्रक्चरिंग के लिए 'सलाहकार' की भूमिका निभाई है. ध्यान रहे कि जयप्रकाश एसोसिएट्स को लोन देने वाले कंसोर्शियम में ICICI लीड बैंक था.

Advertisement

इस बारे में अखबार के सवाल पर ICICI बैंक के प्रवक्ता ने कहा, 'बैंक कभी भी किसी सेवा के लिए एविस्टा एडवाइजरी ग्रुप से जुड़ा नहीं रहा है. एविस्टा एडवाइजरी ग्रुप या उसके क्लाइंट्स के बारे में किसी भी तरह की जानकारी आपको एविस्टा से ही लेना चाहिए.'

राजीव कोचर ने अखबार को बताया, 'इसमें हितों के टकराव का कोई मामला नहीं है. सलाहकार चुनने की पूरी प्रकिया प्रतिस्पर्धी होती है.' 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement