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रणनीतिक तौर पर सही लगे तो भारत को PAK के साथ वार्ता रद्द कर देनी चाहिए: इंद्रेश

संघ के वरिष्ठ नेता ने कहा कि ताकतवर को वार्ता से कभी संकोच नहीं करना चाहिए. यदि उसके लिए रणनीतिक रूप से उपयुक्त हो तो वार्ता रद्द कर दी जानी चाहिए और यदि रणनीतिक रूप से उचित लगे तो ही वार्ता होनी चाहिए.

आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार
स्‍वपनल सोनल
  • नई दिल्ली,
  • 04 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 11:50 PM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने रविवार को कहा कि यदि भारत को रणनीतिक रूप से उपयुक्त जान पड़ता है तो उसे पाकिस्तान के साथ वार्ता रद्द कर देनी चाहिए. पठानकोट आतंकवादी हमले पर चिंता प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं हो सकता.

वरिष्ठ आरएसएस नेता कुमार ने कहा, 'ताकतवर को वार्ता से कभी संकोच नहीं करना चाहिए. यदि उसके लिए रणनीतिक रूप से उपयुक्त हो तो वार्ता रद्द कर दी जानी चाहिए और यदि रणनीतिक रूप से उचित लगे तो ही वार्ता होनी चाहिए. भारत की सुरक्षा और अभिमान के साथ समझौता नहीं किया जाना चाहिए.'

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पड़ोसी देश पर प्रहार करते हुए कुमार ने कहा कि पठानकोट हमले से दुनिया में यह संदेश गया है कि पाकिस्तान शांति, सद्भाव और विकास नहीं चाहता. एक पुस्तक के विमोचन पर आरएसएस नेता ने कहा कि भारत ने अतीत में अपने दुश्मनों को करारा जवाब देता रहा है और वह भविष्य में भी कूटनीतिक, राजनीतिक और व्यावहारिक दृष्टि से ऐसा करता रहेगा. कुमार का यह बयान उस सवाल के जवाब में आया कि क्या भारत को 15 जनवरी को इस्लामाबाद में पाकिस्तान के साथ विदेश सचिव स्तर वार्ता करनी चाहिए.

'अपने तौर-तरीके बदले पाकिस्तान'
पड़ोसी देश पााकिस्तान की आलोचना करते हुए कुमार ने कहा, 'मैं यह भी सुझाव दूंगा कि पाकिस्तान को भारत के प्रति नफरत की नीति छोड़ देनी चाहिए. आज पख्तून, बलूच, सिंधी पाकिस्तान से आजादी चाहते हैं. पाकिस्तान अपने कट्टरपंथी तौर तरीकों की वजह से विखंडित हो जाएगा इसलिए उसे उससे बचने के लिए अपना तौर तरीका बदलना चाहिए और यही बात भारत के लोग, हर कोई पाकिस्तान से कह रहा है.'

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पीएम के लाहौर दौरे की प्रशंसा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की औचक पाकिस्तान यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने यह कहते हुए प्रधानमंत्री की प्रशंसा की कि पीएम ने दिखा दिया है कि भारत अपने प्रतिद्वंद्वियों के पास निडरता के साथ जा सकता है. उन्होंने कहा, 'मोदी जी ने यह भी संदेश दिया, जैसा कि हमने रामायण एवं महाभारत में देखा है कि ताकतवर दुराचारी को सलाह देकर सही मार्ग पर लाने का प्रयास करते हैं. वे कभी जल्दबाजी में युद्ध का मार्ग नहीं अपना लेते, लेकिन वे अपनी सुरक्षा में समर्थ होते हैं.'

गौरतलब है‍ कि भारत 15 जनवरी को निर्धारित इस्लामाबाद में विदेश सचिव स्तर की वार्ता के संबंध में पठानकोट हमले के आलोक में अपने रूख पर विचार कर रहा है. विदेश सचिव एस जयशंकर का अपने पाकिस्तानी समकक्ष एजाज अहमद चौधरी से वार्ता करने के लिए 14 जनवरी को इस्लामाबाद जाने का कार्यक्रम है. इस वार्ता का उद्देश्य नई घोषित द्विपक्षीय समग्र वार्ता के तहत वार्ता को आगे ले जाने का रोडमैप तैयार करना है.

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