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हमारे समाज में गैरबराबरी हमेशा से ही रही है. कुछ स्टूडेंट्स अपनी आर्थिक मजबूती की वजह से अच्छे-अच्छे संस्थानों में पढ़ाई कर लेते हैं तो वहीं अधिकांश स्टूडेंट्स वंचित रह जाते हैं. इस गैरबराबरी को खत्म करने और वंचित तबके को मेनस्ट्रीम में लाने के लिए आईआईटी और केन्द्रीय विद्यालयों को मुफ्त के लेक्चर्स देंगे. वे क्लास 11 और 12 के स्टूडेंट्स के लिए जरूरी लेक्चर्स रिकॉर्ड करेंगे. इस लेक्चर सीरिज को उन्होंने 'आईआईटी पल' का नाम दिया है.
सरकार मैथ्स, फिजिक्स, कमेस्ट्री और बायलॉजी जैसे सब्जेक्ट में अलग-अलग 200 लेक्चर्स को रिकॉर्ड करेगी. मानव संसाधन मंत्रालय इन सारे लेक्चर्स को आगामी 1 जनवरी से टेलीविजन पर चलवाएगा.
आईआईटी-दिल्ली के डायरेक्टर वी रामगोपाल राव कहते हैं कि महंगे कोचिंग संस्थान सभी के बस में नहीं हैं. यहां सारे लेक्चर्स मुफ्त हैं और टीवी पर प्रसारित होंगे. वे कोचिंग संस्थानों की परवाह नहीं करते. यह लेक्चर सीरिज न्यूनतम खर्चे पर चलता है. यदि गांव के 10 छात्र भी इससे लाभान्वित होंगे तो वे खुद को सफल मान लेंगे.
इन लेक्चर्स की रिकॉर्डिंग करने वाले 80 फीसद शिक्षक आईआईटी-दिल्ली से हैं. वे हर अलग-अलग टॉपिक पर लेक्चर तैयार कर रहे हैं. आईआईटी-दिल्ली के एजुकेशन टेक्नोलॉजी विभाग के अध्यक्ष संजीव संघी कहते हैं कि वे स्टूडेंट्स के कॉन्सेप्ट को क्लियर करने की कोशिश में लगे हैं. संस्थान के डायरेक्टर कहते हैं कि वे इस लेक्चर के फॉरमेट को इंटरक्टिव बनाने की कोशिश में लगे हैं. इसके अलावा वे स्टूडेंट्स से भी फीडबैक लेंगे.
आईआईटी दिल्ली गवर्निंग काउंसिल के सदस्य एम बालाकृष्णन कहते हैं कि वे डिजाइन का एक डिपार्टमेंट जल्द ही शुरू करने वाले हैं और वहां कुछ सीटें जुड़ेंगीं. वे डॉक्टरेट करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या को बढ़ाने की ओर भी अग्रसर हैं. वे पुराने आईआईटी को इस मामले में आगे आने की बात कहते हैं. हालांकि वे सीटें बढ़ाने के मामले में इन्फ्रास्ट्रक्चर के हवाले से इंकार भी करते हैं.