राजस्थान की राजधानी जयपुर में इनकम टैक्स विभाग ने एक बैंक में चल रहे मनी एक्सचेंज के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है. इनकम टैक्स ने यहां से 1.57 करोड़ की अघोषित आय पकड़ी है, जिसमें 1.38 करोड़ 2000 हजार रुपये के नए नोट बरामद हुए हैं. बैंक का मालिक छापे के बाद से फरार है. यहां से 50 लाख की अवैध ज्वैलरी भी मिली है.
दिल्ली के इनकम टैक्स विभाग को पता चला था कि जयपुर के अजमेर रोड के इंटीग्रल कोऑपरेटिव बैंक में एक करोड़ बड़ी संख्या में नए नोट रखे हैं. इसके बाद तीन दिन से इनकम टैक्स विभाग इस बैंक के जयपुर के सभी ब्रांचों पर छापेमारी कर रहा था. इस बैंक से 1 करोड़ 56 लाख 59 हजार रुपये अनअकाउंटेंड मिले, जिसमें 1.38 करोड़ नए नोट थे.
बैंक ने इनकम टैक्स को बताया कि ये रकम विलफ्रेड एजुकेशन सोसायटी के मालिक केशव बड़ाया ने रखवाए हैं. केशव बड़ाया हीं इस बैंक इंटीग्रल को-ओपरेटिव बैंक के सीईओ भी हैं, लेकिन बड़ाया भनक लगते हीं भाग निकले. बैंक मैनेजर दीपक महेशवरी का कहना है कि ये संस्था के पैसे थे. संस्था और बैंक के सीईओ एक ही हैं, लेकिन पता नहीं वे कहां हैं.
इनकम टैक्स विभाग के मुताबिक, केशव बड़ाया के एक करोड़ 38 लाख रुपये जब्त कर लिए गए हैं. विल्फ्रेड शिक्षण संस्था के मालिक को हिरासत में लेकर इस बारे में पूछताछ की जाएगी.
आरबीआई को भी इसकी पूरी जानकारी दी गई है कि
2000 हजार रुपये के इतने नोट केशव बड़ाया के पास कहां से पहुंचे. बड़ाया की तलाशी के लिए पुलिस की मदद ली जा रही है.