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मोदी के भाषण से नदारद रहे अल्पसंख्यक, 3 तलाक पर बिल का लिया संकल्प

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से देश को संबोधित किया, लेकिन अल्पसंख्यक शब्द का नाम तक नहीं लिया. हालांकि उन्होंने तीन तलाक के बहाने मुस्लिम महिलाओं का जिक्र किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 12:55 PM IST

देश की आजादी के 71 साल पूरे हो चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले के प्राचीर से 82 मिनट तक देश को संबोधित किया, लेकिन इस दौरान उन्होंने एक बार भी अल्पसंख्यक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया. हालांकि उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय में सिर्फ मुस्लिम महिलाओं का तीन तलाक के बहाने जिक्र किया.

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पीएम ने कहा कि तीन तलाक ने हमारी मुस्लिम बहन-बेटियों की जिंदगी को बर्बाद किया है. जिन्हें तलाक नहीं मिला है वो इसके डर और दबाव में जीती हैं. विपक्ष का नाम लिए बिना पीएम ने कहा कि हमने मुस्लिम बहनों को इससे निजात दिलाने के लिए संसद में इसी सत्र में बिल लाने का काम किया लेकिन कुछ लोग अभी इसे पास नहीं होने दे रहे हैं. वे इस बिल के विरोध कर रहे हैं, लेकिन भरोसा रहे मैं उनकी मांग को पूरा करुंगा.

बता दें कि देश में करीब 20 फीसदी अल्पसंख्यक समुदाय की जनसंख्या है. मौजूदा दौर में जब अल्पसंख्यक समुदाय और खासकर मुस्लिम समाज में इस बात को लेकर बहस हो रही है कि कैसे उनकी जान-माल कैसे सलामत रहे.

पिछले दिनों गाय के नाम पर कई जगह मुस्लिम समाज के लोग मॉब लिंचिग के शिकार हुए हैं. ऐसे में पीएम मोदी ने लाल किले मॉब लिंचिग और मुसलमानों के जुड़े अहम मुद्दो के बजाय तीन तलाक की जिक्र किया. जबकि माना जा रहा था कि पीएम मॉब लिंचिग जैसे मुद्दे पर अपनी रखेंगे.

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पीएम मोदी ने पिछले साल भी 15 अगस्त के मौके पर ट्रिपल तलाक का जिक्र किया और कहा था कि मैं उन माताओं बहनों का अभिनंदन करना चाहता हूं जिन्होंने तीन तलाक की वजह से काफी मुश्किल सहा. इसके बावजूद तीन तलाक के खिलाफ जो उन्होंने संघर्ष किया उसमें देशवासियों ने और मीडिया ने भी साथ दिया, इससे पूरे देश में तीन तलाक के खिलाफ एक माहौल बना. हमें उनको इंसाफ दिलाना है और हिंदुस्तान उनके साथ खड़ा है.

दरअसल मुस्लिम उलेमा और संगठन लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि मोदी सरकार और बीजेपी तीन तलाक के मुद्दे को हवा देकर ध्रुवीकरण करना चाहते हैं. ऐसे में मोदी के मंसूबे साफ है कि ट्रिपल तलाक का मुद्दा जिंदा रहे और बहस लगातार चलती रहे ताकि 2019 में इसका राजनीतिक फायदा मिल सके.

यूपी के 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस मुद्दे को खूब हवा दी थी, जिसके चलते पार्टी दावा करती रही थी कि काफी मुस्लिम महिलाओं ने बीजेपी को वोट भी किया था. मोदी ने इसका जिक्र करके एक बार फिर से बहस में ला दिया है.

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