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पाकिस्तान का हमदर्द चीन बढ़ा रहा भारत से दोस्ती, गले मिले दोनों देशों के जवान

दोनों सेनाओं के कमांडरों ने कहा कि दोनों सेनाओं के बीच यह खुशमिजाजी शांति और दोस्ती को बनाए रखने का रास्ता है.

एक-दूसरे से संवाद करते दोनों देशों के सैनिक (फोटोः अभिषेक भल्ला) एक-दूसरे से संवाद करते दोनों देशों के सैनिक (फोटोः अभिषेक भल्ला)
aajtak.in
  • बम ला (LAC, चीन),
  • 01 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 10:47 PM IST

  • चीन के बम ला में हुआ आयोजन
  • अधिकारियों ने खुलकर किया संवाद

भारत और चीन की सेना के अधिकारी एक-दूसरे को बधाई देते हुए, हाथ मिलाते हुए और गले मिलते हुए. यह दृश्य है चीन में आयोजित बॉर्डर पर्सनल मीटिंग का, जहां पर दोनों तरफ की सेना के अधिकारी अपने-अपने विशेष यूनीफॉर्म में थे, जो इस मौके पर पहने जाते हैं. यह मीटिंग चीनी सेना की ओर से चीन सीमा के अंदर बम ला में आयोजित थी.

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अक्सर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर दोनों सेनाओं के बीच तनातनी की खबरें आती हैं, लेकिन यह तस्वीर उससे अलग थी. इस बॉर्डर पर्सनल मीटिंग का संदेश साफ था. दोनों सेनाओं के कमांडरों ने कहा कि दोनों सेनाओं के बीच यह खुशमिजाजी शांति और दोस्ती को बनाए रखने का रास्ता है.

यह विशेष अवसर था जब चीन के राष्ट्रीय दिवस के दिन आयोजित सेरेमोनियल बॉर्डर पर्सनल मीटिंग के दौरान ग्राउंड जीरो पर भारतीय पत्रकारों को जाने की इजाजत दी गई. भारतीय सेना के प्रतिनिधिमंडल के साथ इंडिया टुडे भी चीन सीमा में आयोजित इस समारोह में शामिल हुआ.

भारतीय सेना के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व ब्रिगेडियर जुबिन भटनागर कर रहे थे. भारतीय प्रतिनिधिमंडल चीन की सीमा में आयोजन स्थल पर पहुंचा तो चीन की पीपुल्स लिबरे​शन आर्मी के अधिकारियों ने स्वागत किया. दोनों देशों के बीच संवेदनशील मुद्दों पर होने वाली सामान्य कॉन्फ्रेंस के बाद भारतीय अधिकारियों ने अपने चीनी समकक्षों के साथ ड्रिंक के लिए चीयर किया.

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मीटिंग मतभेद सुलझाने का यंत्र

जश्न के इस माहौल में दोनों तरफ के सैनिकों और आम लोगों की उपस्थिति में बच्चों ने डांस और गाने की प्रस्तुति दी. बच्चों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करने और तोहफे देने के बाद ​ब्रिगेडियर भटनागर ने कहा कि हमारे बीच जिस तरह का संवाद हुआ, उससे भारत और चीन के रिश्ते नई ऊंचाई पर जाएंगे.

सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते बच्चे

​ब्रिगेडियर भटनागर ने कहा कि इस तरह की मीटिंग दोनों तरफ के मदभेदों को सुलझाने के लिए एक तरह का जांचा परखा यंत्र है. जब सीनियर अधिकारी एक-दूसरे को गले लगाते हुए ड्रिंक का लुत्फ उठाने लगे तो प्रतिनिधिमंडल में शामिल दोनों तरफ के जुनियर सैनिकों ने भी आपस में खुलकर संवाद किया. कई भारतीय सैनिकों ने अपने चीनी समकक्षों से मंदारिन में भी बात की, लेकिन जहां वे अटकने लगे तो मंदारिन के साथ अंग्रेजी का भी सहारा लिया.

चार दफे होती है ऐसी मीटिंग

दोनों देशों की सेनाओं के बीच इस तरह की चार मीटिंग होती हैं, जिसमें चीन के राष्ट्रीय दिवस के साथ भारतीय स्वतंत्रता दिवस भी शामिल है. भारतीय स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की मीटिंग भारतीय सेना आयोजित करती है. चीन इस तरह की मीटिंग 1 मई, मजदूर दिवस को और 1 अक्टूबर, चीनी स्वतंत्रता दिवस को आयोजित करता है. इसके अलावा नए साल और दिवाली पर भी ऐसे आयोजन होते हैं.  

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1990 में हुई थी शुरुआत

ये मीटिंग्स पहली बार 1990 में शुरू हुई थीं और तब से अब तक 84 मीटिंग आयोजित हो चुकी हैं. यह मीटिंग एक तरह से 2017 में डोकलाम में दोनों सेनाओं के बीच बढ़ी तनातनी के बाद आपसी कड़वाहट कम करने का प्रयास भी है.

अप्रैल 2018 में वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अनौपचारिक मुलाकात के बाद दोनों देशों ने मतभेद भुलाकर आगे बढ़ने का रास्ता निकाला था. फिलहाल दोनों देशों की प्राथमिकता विकास और अर्थव्यवस्था पर फोकस करना है. वुहान शिखर सम्मेलन के लक्ष्यों को आगे ले जाने के लिए दोनों देशों के नेता इसी महीने भारत में फिर से मिलने वाले हैं.  

सैनिकों ने किया रणनीतिक गाइडलाइन का पालन

वुहान सम्मेलन और उसमें बनी सहमति का असर यहां ग्राउंड जीरो पर भी दिखा जब दोनों तरफ के सैनिकों ने पूरी तरह रणनीतिक गाइडलाइन का पालन किया ताकि कोई तनाव की स्थिति पैदा न हो.

इस सेरेमोनियल मीटिंग के ​अलावा, जब कभी तनाव की स्थिति बनती है तो दोनों देशों के बीच फ्लैग मीटिंग भी होती है ताकि बातचीत करके विवाद को सुलझाया जा सके और डोकलाम जैसा तनाव न पैदा हो.

वास्तव में अधिकारियों का कहना है कि ऐसे संवाद कार्यक्रमों की संख्या और बढ़ाई जानी चाहिए ताकि दोनों तरफ की सेनाएं आपस में घुलें मिलें और दोनों तरफ के अधिकारी निजी तौर पर एक दूसरे को पहचानें.

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भारतीय सेना ने 2017 में डोकलाम चीनी सेना को निर्माण कार्य करने से रोक दिया था, जिसके बाद दोनों के बीच करीब दो महीने तक तनाव का माहौल था और दोनों सेनाएं आमने सामने आ गई थीं.

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