Advertisement

गलवान घाटी में तनाव के बीच चीन से बातचीत, दोनों ओर 1000-1000 जवान तैनात

भारत और चीन के बीच तनाव जारी है, इस बीच आज एक बार फिर दोनों देशों की सेनाएं बात कर सकती हैं. लेकिन इससे पहले बॉर्डर पर तनाव बढ़ा हुआ है.

लद्दाख बॉर्डर के पास बढ़ रही है हलचल (PTI) लद्दाख बॉर्डर के पास बढ़ रही है हलचल (PTI)
अभि‍षेक भल्ला
  • लद्दाख,
  • 22 जून 2020,
  • अपडेटेड 12:39 PM IST

  • भारत और चीन के बीच तनाव बरकरार
  • गलवान घाटी के पास हजारों सैनिक तैनात

भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में 15 जून को जो खूनी भिड़ंत हुई, उसके बाद से बॉर्डर पर एक अजीब सी शांति है. लेकिन तनाव अब भी बरकरार है. दोनों देशों के बीच तब से अबतक कई बार बातचीत तो हो चुकी है, लेकिन कोई भिड़ंत नहीं हुई है. हालांकि, दोनों ही ओर एक-एक हजार से अधिक की संख्या में सैनिक तैनात खड़े हैं. इस स्थिति के बीच सोमवार को एक बार फिर दोनों देशों की सेनाएं बात करेंगी.

Advertisement

गलवान घाटी के PP 14 क्षेत्र में अब दोनों देशों की सेनाएं अपने आप को मजबूत करने में लगी हैं. चीनी सेना यानी PLA एलएसी पर आर्टिलरी और टैंक के साथ मौजूद है, तो वहीं भारत की सेना भी पूरी तरह से तैयार है और तैनाती मजबूत कर दी है.

गलवान घाटी की मौजूदा स्थिति को लेकर अधिकारी ने कहा, ‘..ज़मीन पर कुछ खास नहीं बदला है. 15 जून के बाद कोई झड़प नहीं हुई है लेकिन हालात पूरी तरह से तनावपूर्ण बने हुए हैं. गलवान और पैंगोंग सो में यही हालात हैं.’

यह भी पढ़ें: गलवान घाटी में बिखरे पड़े थे चीनी सैनिकों के शव, भारतीय जवानों ने सौंपे

सूत्रों की मानें, तो चीन की ओर से हलचल को बढ़ता हुआ देख भारतीय सेना भी अपनी तैयारी कर रही है और किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. इसका कारण ये भी है कि 15 जून की घटना के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच अब विश्वास की कमी है.

Advertisement

दोनों देशों के बीच बातचीत का सिलसिला जारी है, लेकिन सफलता नहीं मिली है. ऐसे में भारतीय सेना किसी भी स्थिति के लिए तैयार है, इसमें चीनी सैनिकों को पैंगोंग लेक से वापस भेजना भी शामिल है, जहां पर PLA इन दिनों कैंप लगाकर बैठ गई है.

इसके लिए बॉर्डर पर भारतीय सेना अपनी स्थिति मजबूत कर रही है. दोनों सेनाओं ने पहले सैनिक वापसी के लिए सहमति बनाई, लेकिन चीन ने इसका उल्लंघन किया और एक पोस्ट का निर्माण कर दिया. जो कि गलवान के भारत वाले हिस्से में थी. दोनों देशों के बीच जारी तनाव खत्म होने के बीच सबसे बड़ा रोड़ा यही है कि चीन ने पैंगोंग लेक के पास अपनी मौजूदगी को बढ़ा लिया है.

यह भी पढ़ें: सैटेलाइट फोटो में साफ, चीन ने भारत माता की पावन धरती पर कब्जा किया: राहुल

फिंगर 4 से लेकर फिंगर 8 तक चीन ने अपनी मौजूदगी बढ़ाई है, ये इलाका विवादित रहा है. ऐसे में चीन की इस चाल के पीछे उसकी गलत मंशा दिखाई पड़ती है, कि वह स्थिति को बदलना चाहता है. सूत्रों की मानें, तो चीनी सैनिक फिंगर 4 के पास बड़ी संख्या में मौजूद हैं.

आपको बता दें कि पैंगोंग लेक को 8 फिंगर इलाके में बांटा गया है, आसपास मौजूद पहाड़ का जो हिस्सा झील की ओर निकल रहा होता है उसे फिंगर माना गया है. सामान्य स्थिति में फिंगर 4 तक भारत की सेना मौजूद रहती है और चीनी सेना फिंगर 8 पर रहती है, बीच की जगह विवादित है इसलिए दोनों सेनाएं गश्त करती हैं.

Advertisement

बॉर्डर पर भारत हुआ सख्त तो चीन धमकी पर उतरा, कहा- इस बार 1962 से भी अधिक होगा नुकसान

लेकिन भारत का कहना है कि उसका क्षेत्र फिंगर 8 तक है, ऐसे में चीन को पीछे हटना चाहिए. और इसी को लेकर वक्त-वक्त पर विवाद होता रहता है, जैसा कि 15 जून को भी हुआ. लेकिन चीन ने जो किया, उसके बाद भारत का रुख सख्त है. और अब सरकार की ओर से सेना को छूट दी गई है कि अगर बात जवानों की जान पर आती है, तो किसी प्रोटोकॉल की परवाह ना करें.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement