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घट रहा भारत-चीन के तनाव का तापमान, आज हो सकती है कमांडर लेवल की बातचीत

पिछले 4-5 दिन में देखें तो दोनों देशों की सेनाएं तनाव कम करने में लगी हैं और कुछ पीछे भी हटी हैं. लेकिन पैंगोंग शो इलाका अभी भी तनाव का मुख्यबिंदु बना हुआ है. भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के फॉरवर्ड इलाके में 10-12 हजार की तादाद में अतिरिक्त फौज लगाई है.

सांकेतिक तस्वीर (PTI) सांकेतिक तस्वीर (PTI)
अभि‍षेक भल्ला
  • नई दिल्ली,
  • 09 जून 2020,
  • अपडेटेड 10:00 AM IST

  • बातचीत के आधार पर सीमा विवाद निपटाने पर जोर
  • पैंगोंग का फोर फिंगर इलाका तनाव का असल केंद्र

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पर बुधवार को डिविजनल कमांडर स्तर (मेजर जनरल) की वार्ता हो सकती है. अगर बुधवार को बैठक नहीं हुई तो उसके अगले दिन होगी. दोनों देशों ने आपसी सहमति और बातचीत के आधार पर सीमा विवाद निपटाने की बात दोहराई है. इसी कोशिश में दोनों पक्षों के सैन्य अधिकारी लगातार बातचीत कर रहे हैं. पैंगोंग इलाके को लेकर दोनों पक्षों में बात फंस रही है जिसे सुलझाने की कोशिश जारी है.

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पूर्वी लद्दाख के गलवान इलाके में जारी सीमा विवाद पर कोर कमांडर स्तर की भी वार्ता हो सकती है, ताकि तनाव खत्म करने का कोई ठोस उपाय निकाला जा सके. पैंगोंग के फोर फिंगर इलाके में चीनी सेना डटी है. हालांकि अन्य इलाके में उनके पीछे हटने की भी खबरें आई हैं. फोर फिंगर इलाका हमेशा से भारत के एकाधिकार में रहा है. लेकिन पिछले दिनों चीनी सेना टेंट और गाड़ियों के साथ यहां टिक गई. भारत ने भी इस पर कड़ा विरोध जताया और अपनी फौज लगा दी.

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पिछले 4-5 दिन में देखें तो दोनों देशों की सेनाएं तनाव कम करने में लगी हैं और कुछ पीछे भी हटी हैं. लेकिन पैंगोंग शो इलाका अभी भी तनाव का मुख्यबिंदु बना हुआ है. भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के फॉरवर्ड इलाके में 10-12 हजार की तादाद में अतिरिक्त फौज लगाई है. इस रिजर्व फोर्स को पूरी तरह से वहां से हटाने की कोई योजना नहीं है. तनाव जैसे-जैसे बढ़ा, इस इलाके में भारत ने उसी हिसाब से अतिरिक्त फौज लगाई है. हालांकि स्थिति अब सामान्य होती दिख रही है. चीन ने भी कहा है कि दोनों देश बातचीत से यह मुद्दा निपटा लेंगे.

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सूत्रों के मुताबिक, 6 जून की बैठक में दोनों पक्षों में जो बात हुई, उसी आधार पर कोर कमांडर स्तर की वार्ता होने जा रही है. 6 जून के पहले भी सेनाएं अपनी जगह से हटी थीं जिसके बाद तनाव घटाने की कोशिशें लगातार जारी हैं. इसी क्रम में मेजर जनरल, ब्रिगेडियर और कर्नल स्तर की भी वार्ता होने की संभावना है. हाल में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कोर कमांडर की बैठक को सकारात्मक बताया था लेकिन असली मसला पैंगोग लेक का है जो अब तक अनसुलझा है.

मोल्दो में हो चुकी है बैठक

6 जून को चीन की तरफ मोल्दो में दोनों पक्षों की बैठक हुई थी. यह इलाका चूसुल के उस पार पड़ता है. भारत की ओर से लेह में 14वें कोर के लेफ्टि. जनरल हरिंदर सिंह ने बातचीत की अगुआई की. चीन की तरफ से बैठक में साउथ शिनजियांग मिलिटरी के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन शरीक हुए थे. तनाव घटाने के लिए कई मु्द्दों पर बात हुई है लेकिन पैंगोंग लेक मामले में बहुत ज्यादा प्रगति नहीं हुई है. सूत्रों के मुताबिक, फोर फिंगर इलाके में चीनी सेना डटी हुई और इसके जवाब में भारत ने भी बड़े स्तर पर अपनी फौज लगाई है.

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तनाव की जड़ फिंगर इलाका

पैंगोंग इलाका 8 फिंगर में बंटा हुआ है. सैनिक जमावड़े वाली जगह को फिंगर नाम से बांटा गया है. भारत की ओर से लगातार कहा गया है कि LAC फिंगर 8 तक है, यानी भारत का अधिकार वहां तक है. हालांकि, अभी भारत मौजूदा स्थिति में फिंगर चार तक ही मौजूद है, लेकिन चीन के पोस्ट भी फिंगर 8 तक रहते थे. लेकिन चीन हक जताता आया है कि LAC फिंगर 2 तक आती है. यही कारण है कि फिंगर चार से लेकर फिंगर 8 तक दोनों देशों में विवाद बना रहता है.

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