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भारत ने चीन के दुस्साहस को चुनौती देने के लिए बड़ा कदम उठाया है. लद्दाख सीमा पर लगातार घुसपैठ की कोशिश करने वाले चीन को टक्कर देने के उद्देश्य से भारत ने लद्दाख में टी-72 वार टैंक तैनात किए हैं. यह भारत की ओर से उठाया गया अब तक का सबसे अप्रत्याशित कदम है.
सूत्रों के मुताबिक, सीमा पर करीब 100 टैंक तैनात किए गए हैं और अभी आगे भी इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है. पूर्वी लद्दाख में जिन स्थानों पर टैंक तैनात किए गए हैं रणनीति और सुरक्षा कारणों से उनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी जा रही. टी-72 टैंक की एक रेजिमेंट 2014 और दूसरी रेजिमेंट 2015 में सीमा पर भेजी गई थी. इसके बाद अब तीसरी रेजिमेंट को सीमा पर भेजने की तैयारी चल रही है, जिससे स्थिति और मजबूत होगी.
ठंड की वजह से पड़ रहा है असर
टैंक रेजिमेंट के एक कमांडिंग ऑफिसर ने कहा, 'हम टैंकों को ज्यादा ठंड से बचाने के लिए विंटर ग्रेड डीजल और ल्यूब्रिकेंट्स अपने साथ लाए हैं, ताकि ऑयल फ्रीज ना हो सके.' उन्होंने कहा, इतनी ठंड में टैंकों को मेंटेन रखना आसान नहीं है. तापमान 45 डिग्री से नीचे है, जिससे उनकी मारक क्षमता पर अस र पड़ रहा है.
चीन ने लगा रखी है ज्यादा सेना
टैंकों की राह में दूसरी बाधा टारगेट को लेकर है. पास के इलाके में वाइल्ड लाइफ सेंचुरी है. इन सब से बचने के लिए सेना ने क्रू मेंबर्स को अहमदनगर ट्रेनिंग सेंटर भेजा है. लद्दाख में पहाड़ों के बीच कुछ समतल एरिया है जहां सेना की टुकड़ियों को लगाया गया है. इस सीमा पर चीन ने अपनी तरफ सेना की ज्यादा यूनिट लगा रखी हैं. चीनी घुसपैठ को रोकने के उद्देश्य से सीमा पर टैंक लगाकर भारत ने अपनी शक्ति और चिंताओं के प्रति आगाह भी किया है.
कश्मीर मुद्दे पर भी चीन ने की दखल की कोशिश
कश्मीर घाटी में बीते कई दिनों से बिगड़े हालात पर पाकिस्तान के बाद अब चीन ने भी दखल देने की कोशिश की है. चीन ने सोमवार को आधिकारिक बयान जारी कर कश्मीर में चल रही हिंसक झड़पों पर चिंता जताई है.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि कश्मीर में हिंसक झड़पों को लेकर चीन चिंतित है. उन्होंने इस मसले के शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद भी जताई. चीन ने कहा कि कश्मीर मुद्दे का शांतिपूर्ण ढंग से उचित समाधान होना चाहिए.