
चीन की आपत्तियों को दरकिनार करके भारत ने हाइड्रोकार्बन से भरे दक्षिण चीन सागर में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का फैसला करते हुए वियतनाम के साथ वहां अतिरिक्त तेल और गैस ब्लॉक अन्वेषण से जुड़े दो समझौते किए. इसके साथ ही भारत ने वियतनाम के साथ रक्षा, सामुद्रिक सुरक्षा, व्यापार और आतंकवाद निरोधी समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए.
भारत-वियतनाम की इस दोस्ती से चीन जल-भुन उठा है. उसने कहा है कि चीन और वियतनाम के बीच जारी तनावपूर्ण समुद्री विवाद में किसी तीसरे को नहीं आना चाहिए.
भारत का कहना है कि वियतनाम ने जिन तेल ब्लॉक में अन्वेषण का प्रस्ताव भारत को दिया है वे वियतनाम के आर्थिक क्षेत्र में आते हैं, लेकिन चीन उसे अपनी समुद्री सीमा में बताता रहा है.
भारत की यात्रा पर आए वियतनाम के प्रधानमंत्री न्युन तंग जुंग ने मंगवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. जुंग के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी ने कहा, 'मैंने वियतनाम की ओर से तेल और गैस के क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए दिखाई गई प्रतिबद्धता और नए अन्वेषण ब्लाक के प्रस्ताव के लिए प्रधानमंत्री जुंग का धन्यवाद किया. इस क्षेत्र में और इससे जुड़े उद्योग में हम निश्चित रूप से आगे बढ़ेंगे.'
दक्षिण चीन सागर पर चीन की दावेदारी के बीच प्रधानमंत्री ने कहा, 'सामुद्रिक सुरक्षा में हमारे समान हित हैं. हम दोनों यह विश्वास करते हैं कि सामुद्रिक व्यापार और परिवहन में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए और हर विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से अंतरराष्ट्रीय कानूनों के आधार पर सुलझाना चाहिए.'
उन्होंने कहा कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ाने के प्रयासों के तहत वियतनाम को प्रमुख दर्जा दिया गया है. इसके चलते राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सितंबर में वियतनाम की बहुत सफल यात्रा की और अगस्त में हमारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज वहां गईं.
रक्षा क्षेत्र में वियतनाम के साथ सहयोग को भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि वियतनाम की सेना और सुरक्षा बलों को आधुनिक बनाने के लिए भारत प्रतिबद्ध है. इसके अंतर्गत दोनों देश के बीच चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों, संयुक्त अभ्यास और रक्षा उपकरणों में सहयोग का विस्तार किया जाएगा.
उन्न्होंने कहा, हम जल्द ही 100 मिलियन डालर की लाइन आफ क्रेडिट को ऑपरेशनलाइज़ करेंगे जिससे विएतनाम भारत से नए नौसैनिक वाहन प्राप्त कर सके. आतंकवाद निरोध सहित सुरक्षा क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए हमने सहमति जताई है. हम अंतरिक्ष क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए हैं.
इस मौके पर मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किए जाने के भारत के प्रस्ताव को सह-प्रायोजित करने के लिए विएतनाम के प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया. प्रधानमंत्री ने कहा, यह कहते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है कि प्रधानमंत्री जुंग की यात्रा से न केवल हमारी पांरपरिक मित्रता मजबूत हुई है, बल्कि हमारी सामरिक साझेदारी को भी एक नई उंचाई और गति मिली है.
- इनपुट भाषा