
सीमा पार हो रहे आतंकवाद पर भारत ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए साफ कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता को आगे बढ़ाने से ज्यादा जरूरी आतंकवाद से निपटना है. विदेश सचिव एस. जयशंकर ने कहा, 'आतंकी हमले के बाद अगर आप मुझसे पूछें कि आतंकवाद से निपटने या द्विपक्षीय वार्ता में से प्राथमिकता क्या है, तो मेरा जाहिर सा जवाब होगा.'
विदेश सचिव ने कि दोनों देश एक दूसरे से कटे हुए नहीं रह सकते हैं. उन्होंने कहा, 'ताली दोनों हाथों से बजती है. भारतीय लोग पाकिस्तान से वही रिश्ता रखना पसंद करेंगे जो वह दूसरे पड़ोसियों के साथ रखना चाहते हैं.'
पठानकोट हमले के बाद रुकी वार्ता
जनवरी में पठानकोट एयरबेस स्टेशन पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने आरोप लगाया था कि इसके पीछे पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हाथ था. भारत ने पाकिस्तान से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी, जिसके बाद वहां जैश के चीफ मसूद अजहर को हिरासत में लिया गया था. हमले के बाद दोनों देशों ने आपसी सहमति से द्विपक्षीय वार्ता रोक दी थी.
मोदी-शरीफ की पेरिस में मीटिंग के बाद बनी थी बात
पीएम मोदी और पाकिस्तान प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच पेरिस में हुई मुलाकात के बाद व्यापक स्तर पर द्विपक्षीय वार्ता को आगे बढ़ाने का प्रयास किया गया था लेकिन पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले का इसपर विपरीत असर पड़ा. हालांकि जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एक-दूसरे के संपर्क में हैं.
जल्द तय हो सकती है वार्ता
पाकिस्तान की जांच टीम जल्द ही पठानकोट के दौरे पर आ रही है, जहां वो हमले की जांच को लेकर सबूत जुटाएगी. पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने मंगलवार को कहा था कि इसके बाद दोनों देशों के विदेश सचिव स्तर की वार्ता की तारीख जल्द ही तय की जा सकती है.
सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी के साथ मुलाकात के बाद अजीज ने कहा था कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पठानकोट हमले की वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच सचिव स्तर की वार्ता रुक गई.