
देश में इस साल की मानसूनी बारिश से 22 राज्यों के 25 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. इस दौरान करीब 1874 लोगों की मौत हो गई, जबकि 45 लोग लापता हो गए. शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने बताया कि इस साल बारिश, बाढ़ और भूस्खलन में सबसे ज्यादा 382 मौतें महाराष्ट्र में हुईं. इसके बाद दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल रहा है, जहां 227 लोगों की जान गई.
इस साल बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने देश के 357 जिलों पर कहर बरपाया. अधिकारियों के मुताबिक इस साल बारिश, बाढ़ और भूस्खलन में 738 लोग घायल भी हुए. साथ ही 20 हजार मवेशियों की मौत हो गई. इसके अलावा मूसलाधार बारिश और बाढ़ में एक लाख 9 हजार घर पूरी तरह तबाह हो गए, जबकि 2 लाख 5 हजार घरों को काफी नुकसान पहुंचाया है.
इतना ही नहीं, इस मानसूनी बारिश और बाढ़ में 14 लाख 14 हजार हेक्टेयर की फसल भी बर्बाद हो गई. एक अधिकारी ने बताया कि इस की बारिश और बाढ़ में मरने वालों का आंकड़ा 1874 तक पहुंच चुका है. इतनी मौत और तबाही के बावजूद देश के कई हिस्सों में मानसून सक्रिय बना हुआ है. हालांकि आधिकारिक तौर पर 30 सितंबर को मानसून निष्क्रिय हो जाता है.
मौसम विभाग के मुताबिक साल 1994 के बाद भारत में पिछले चार महीने के दौरान सबसे ज्यादा बारिश हुई. महाराष्ट्र में 22 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए, जिसमें 382 लोगों की जान चली गई, जबकि 369 लोग घायल हो गए. सूबे में बाढ़ के चलते 7 लाख 19 हजार लोगों को 305 राहत कैंपों में शरण लेनी पड़ी.
इसी तरह पश्चिम बंगाल के 22 जिले बारिश और बाढ़ की चपेट में रहे. यहां बारिश और बाढ़ से 227 लोगों की मौत हो गई, जबकि 37 लोग घायल हो गए. इसके अलावा चार लोग अब तक लापता हैं. इसके अलावा 43 हजार 433 लोगों को 280 राहत कैंपों में शरण दिया गया.
वहीं, पिछले चार महीने में बिहार में बारिश और बाढ़ से 161 लोगों की जान गई, जबकि एक लाख 26 हजार लोगों को 235 राहत कैंपों में शरण लेनी पड़ी. इसके साथ ही मध्य प्रदेश में इस साल की बारिश में मरने वालों का आंकड़ा 182 तक पहुंच गया, जबकि 38 लोग घायल हो गए. साथ ही 7 लोग लापता हैं. इस बारिश और बाढ़ से सूबे के 38 जिले प्रभावित हुए और 32 हजार 996 लोगों को 98 राहत कैंपों में शरण लेनी पड़ी.