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बॉर्डर पर चीन की 'रफ्तार' को एसयूवी से टक्कर देंगे ITBP के जवान

चार एसयूवी आईटीबीपी की ओर से पहले ही तैनात की गई हैं उनमें दो टोयोटा फॉर्चुनर और दो फोर्ड इंडेवर हैं. इनमें से हर गाड़ी की कीमत करीब 25 लाख रुपये हैं.

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ब्रजेश मिश्र/जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 7:22 PM IST

चीन के साथ लगती सीमा पर जवानों को जल्द से जल्द इधर-उधर लाने ले जाने के लिए पहली बार भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को 29 एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) मुहैया कराई गई हैं. जिनकी कीमत 4 करोड़ रुपये है.

ऐसी एसयूवी आमतौर पर शहरी इलाकों में ही देखने को मिलती हैं. ITBP ने 29 स्कार्पियो जो कि जीपीएस सिस्टम से लैश हैं लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर निगरानी करने वालों में तेजी लाने के उद्देश्य से ली मुहैया कराई हैं. चीन सीमा पर इससे पहले जिप्सी को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए लगाया जाता था. अब ये गाड़ियां धीरे-धीरे इन गाड़ियों की जगह लेंगी.

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पहले से तैनात हैं 4 गाड़ियां
चार एसयूवी आईटीबीपी की ओर से पहले ही तैनात की गई हैं उनमें दो टोयोटा फॉर्चुनर और दो फोर्ड इंडेवर हैं. इनमें से हर गाड़ी की कीमत करीब 25 लाख रुपये हैं.

इन चौकियों पर मौजूद रहेंगी गाड़ियां
आईटीबीपी ने इन वाहनों को अपनी कुछ सीमा चौकियों पर तैनात किया है. इन चौकियों में लद्दाख सेक्टर में समुद्र तल से 13 हजार फुट की उंचाई में बुर्तसे और दुंगती स्थित चौकियां और अरुणाचल प्रदेश में मेंचुका चौकी है जो छह हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है.

एक गाड़ी की कीमत 14 लाख रुपये
अब ITBP ने 29 स्कॉर्पियो खरीदकर भारत चीन सीमा में तैनात किया है. 10 स्कार्पियो लद्दाख में, 6 हिमाचल प्रदेश, 5 उत्तराखंड, 6 अरुणाचल प्रदेश और 2 गाड़ियों को सिक्किम की सीमा में तैनात किया जा रहा है. इन गाड़ियों की कीमत 14 लाख रुपये है.

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चीन की रफ्तार को ऐसे दी जा रही है टक्कर
चीन ने अपनी सीमा की तरफ जो सड़कें बना रखी हैं उसमें वो बड़ी गति से बॉर्डर तक पहुचते हैं. वो जिस तेजी से वहां पहुचते हैं उतनी ही तेजी से भारत के सैनिक भी सीमा पर पहुचेंगे. चीन हमेशा भारत को चाहे तवांग जो या फिर कोई और जगह वहां पहुंच कर ITBP के साथ दो-दो हाथ करता रहा है पर अब भारत भी उन तमाम जगहों पर उनसे निपटने के लिए अपनी गतिशीलता बढ़ा रहा है.

भारत-चीन सीमा पर कभी चीनी टेंट लगाने की खबर आती है तो कभी टॉवर लगाने की. आंकड़े बताते हैं कि साल 2014 में चीन 334 बार भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर चुका है इसलिए भारतीय जवानों को हर वक्त चौकन्ना रहना होता है.

घुसपैठ रोकने में भी मिलेगी मदद
लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन सीमा 14 हजार फीट से भी ज्यादा ऊंचाई पर है. वास्तविक नियंत्रण रेखा काफी मुश्किल इलाकों से होकर गुजरती है. जहां तापमान माइनस में होता है और इन इलाकों में आए-दिन चीन की पीएलए सेना के जवान घुसपैठ करते रहते हैं. इसीलिए इतनी उंचाई और दुर्गम इलाकों में जवानों के तेजी से आने जाने के लिए इस तरह की हाई एंड एसयूवी गाड़ियां मुहैया कराई गई हैं.

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