Advertisement

S-400 पर US ने तेवर बदले, कहा- बैन का मकसद सहयोगियों को डैमेज करना नहीं

भारत और रूस के बीच S-400 डील पर साइन होने के बाद अमेरिका ने अपने तेवर बदल दिए हैं. इस मुद्दे पर उसने सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका के प्रतिबंध का मकसद सहयोगियों की सैन्य क्षमताओं को डैमेज करना नहीं है.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम मोदी (क्रेडिट- PTI) रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम मोदी (क्रेडिट- PTI)
राम कृष्ण
  • वॉशिंगटन,
  • 05 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 10:44 PM IST

भारत और रूस के बीच हुए S-400 डील पर अमेरिका के तेवर बदल गए हैं. अमेरिका ने इस मसले पर बेहद नरम प्रतिक्रिया दी है. अमेरिका ने कहा कि प्रतिबंध लगाने का मकसद रूस को उसके घातक बर्ताव के लिए दंडित करना है. रूस के डिफेंस सेक्टर में पैसे के प्रवाह को रोकना है.

अमेरिकी दूतावास की प्रवक्ता जेन्नी ली ने कहा, 'रूस पर प्रतिबंध को लागू करने का मकसद अपने सहयोगियों और पार्टनरों की सैन्य क्षमताओं को डैमेज करना नहीं है. हम किसी भी तरह के प्रतिबंध के फैसले को पूर्वाग्रह नहीं बना सकते हैं.'

Advertisement

दरअसल, रूस से किसी भी तरह की रक्षा खरीद करने पर अमेरिका प्रतिबंध लगाने की धमकी दे रहा था. हालांकि जब शुक्रवार को भारत ने रूस से S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने के समझौते पर साइन किए, तो अमेरिका के तेवर बदल गए. इससे पहले कहा जा रहा था कि भारत और रूस के बीच इस सौदे से अमेरिका नाराज हो जाएगा.

दरअसल, अमेरिका ने काउंटरिंग अमेरिकाज एडवाइजरीज थ्रू सैंक्सन्स एक्ट (CAATSA) के जरिए रूस से किसी भी तरह की रक्षा खरीद पर रोक लगा रखी है. इसके चलते माना जा रहा था कि भारत द्वारा रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने से अमेरिका नाराज हो सकता है. हालांकि ऐसा नहीं हुआ.

बता दें कि अमेरिका की तरफ से प्रतिबंधों की धमकियां मिलने के बावजूद भारत ने शुक्रवार को रूस के साथ S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने के समझौते पर साइन किया. इस दौरान नई दिल्ली में साझा प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में साथ मिलकर काम करने का ऐलान किया.

Advertisement

S-400 समझौते के तहत भारत रूस से मिसाइल डिफेंस सिस्टम के 5 सेट खरीदेगा. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की द्विपक्षीय वार्ता के बाद नई दिल्ली में इस डील पर हस्ताक्षर किए गए. भारत और रूस के बीच कुल 8 समझौते हुए हैं. दोनों नेताओं के बीच शुक्रवार को ही हैदराबाद हाउस में डेलिगेशन लेवल की बातचीत हुई.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement