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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव: मोदी के मंत्री बोले- अच्छे दिन का मतलब होता है रोटी, कपड़ा और मकान मिलना

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अच्छे दिन वास्तव में कभी नहीं होते, यह मानने पर होते हैं, क्योंकि हर व्यक्ति अपने हालत से असंतुष्ट रहता है.

नितिन गडकरी नितिन गडकरी
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 10 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 12:06 PM IST

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दूसरे दिन महत्वपूर्ण सत्र 'रोड टु 2019: स्पीड बम्प अहेड?' में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अच्छे दिन वास्तव में कभी नहीं होते, यह मानने पर होते हैं, क्योंकि हर व्यक्ति अपने हालात से असंतुष्ट रहता है.

सत्र का संचालन कर रहे वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने जब पूछा कि क्या 2019 में बीजेपी यह कह पाएगी कि अच्छे दिन आ गए? तो इसके जवाब में गडकरी ने कहा, 'अच्छे दिन कभी नहीं होते. जो नगर सेवक होता है, वह इसलिए दुखी होता है कि वो एमएलए नहीं बना. जो एमएलए होता वह सोचता है कि सांसद नहीं बना, सांसद सोचता है कि मंत्री नहीं बना. मंत्री सोचता है कि उसे अच्छा विभाग नहीं मिला. तो लोग हमेशा ऐसा ही सोचते हैं. जिसके पास मर्सिडीज है, वो भी दुखी है. जिसके पास बाइक है वो भी दुखी है. अच्छे दिन मानने पर होते हैं.

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उन्होंने कहा कि अच्छे दिन का मतलब होता है रोटी, कपड़ा और मकान. उन्होंने कहा, 'पीएम आवास योजना में क्या घर नहीं बन रहा? सागर माला प्रोजेक्ट में 16 लाख करोड़ का निवेश है. क्या ये अच्छे दिन नहीं हैं?'

कांग्रेस मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख रही है

गडकरी ने कहा, 'कांग्रेस का साल 2019 में वापस आने का सोचना वास्तव में मुंगेरी लाल के हसीन सपने हैं. अभी नॉर्थ-ईस्ट में जो चुनाव हुए, उनकी पार्टी की हालत देखिए. एक सीट भी नहीं मिल पाई. हम जीत रहे हैं, केरल और बंगाल में अच्छा करेंगे. कांग्रेस जो 50 साल में नहीं कर सकी, हमने 4 साल में करके दिखाया है. सभी अपेक्षाएं 5 साल में पूरी हों ये संभव भी नहीं है. बीजेपी एक बार 2019 में फिर चुन कर आएगी.' 

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