
चीन से चल रहे डोकलाम विवाद के दौरान भारत ने लद्दाख में चीनी सीमा के करीब दस हजार अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया था, जिन्हें अब वापस बुला लिया गया है. सूत्रों के मुताबिक सीमा पर सतर्कता के मद्देनजर सैनिकों की तैनाती की गई थी क्योंकि चीन ने भी करीब इतने सैनिकों को तैनात कर रखा था.
सीमा पर जारी था ऑपरेशनल अलर्ट
डोकलाम विवाद को देखते हुए आर्मी ने ऑपरेशनल अलर्ट जारी कर रखा था. छह हजार सैनिकों के दो ब्रिगेडों को सीमा पर से हटा कर उन्हें उनके स्थान पर वापस भेज दिया गया है. तैनात किए गए सैनिक रांची स्थित 17 माउन्टेन स्ट्राइक कोर का हिस्सा थे, जो विशेष रूप से चीन के मोर्चे पर युद्ध करने के लिए होते हैं. सैनिकों के एक डिवीजन की तैनाती का मतलब लद्दाख क्षेत्र में चीनी सेना पर 20 हजार भारतीय सैनिकों की निगरानी थी.
पूरी तरह से सतर्क भारत
भारत पहले से ही लद्दाख के करू में तैनात तीन इन्फैंट्री डिवीजन की ताकत बढ़ा चुका है, जिनके जरिए पूर्वी लद्दाख इलाके की देखरेख की जाती है. इस इलाके में चीनी सेना के किसी भी तरह के हथियारों से निपटने के लिए अतिरिक्त टैंक रेजिमेंट तैनात की गई है.
शी का चीनी सेना को निर्देश
वहीं चीन के राष्ट्रपति बने शी जिनपिंग ने अपनी सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा है. जिनपिंग ने चीनी सैन्य बलों को उनकी संघर्ष क्षमताओं और युद्ध की तैयारी सुधारने के निर्देश दिए हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के महासचिव और केंद्रीय सैन्य आयोग (CMC) के प्रमुख शी ने आयोग के संयुक्त सैन्य कमान का निरीक्षण करने के दौरान यह टिप्पणी की.