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चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ क्यों है जरूरी, नए आर्मी चीफ एमएम नरवणे ने बताया

नए सेना प्रमुख ने कार्यभार संभालने के बाद आजतक से बात करते हुए सीडीएस को देश के लिए जरूरी बताया. उन्होंने कहा कि सीडीएस की नियुक्ति से तीनों सेनाओं के बीच आपसी तालमेल बढ़ेगा. जनरल नरवणे ने कहा कि पूरा यकीन है कि इससे देश को फायदा ही होगा.

नए थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (फोटोः PTI) नए थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (फोटोः PTI)
मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली,
  • 31 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 9:01 PM IST

  • बोले- देश को होगा फायदा
  • कश्मीर में हालात अब बेहतर

थल सेना के नए प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने मंगलवार को कार्यभार ग्रहण कर लिया. उन्होंने जनरल बिपिन रावत का स्थान लिया है. जनरल बिपिन रावत को सेनाध्यक्ष के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया गया है. नए सेना प्रमुख ने कार्यभार संभालने के बाद आजतक से बात करते हुए सीडीएस को देश के लिए जरूरी बताया.

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उन्होंने कहा कि सीडीएस की नियुक्ति से तीनों सेनाओं के बीच आपसी तालमेल बढ़ेगा. जनरल नरवणे ने कहा कि पूरा यकीन है कि इससे देश को फायदा ही होगा. उन्होंने सेना प्रमुख के रूप में अपनी प्राथमिकताओं पर बात करते हुए कहा कि यह कोशिश करेंगे कि सेना ने जो दर्जा हासिल किया है, उसे कायम रखें और आगे बढ़ें. थल सेनाध्यक्ष ने कहा कि हर सेना की कोशिश रहती है कि वह जंग के लिए हमेशा तैयार रहे. यह एक दिन का काम नहीं है. इसके लिए हर दिन, हर हफ्ते और हर साल तैयारी करनी पड़ती है.

उन्होंने कहा कि युद्ध की तैयारी के भी कई पहलू हैं. मॉर्डनाइजेशन के साथ ही जवानों का मनोबल भी तैयारी का ही पहलू है. थल सेनाध्यक्ष ने कहा कि हम सभी पहलुओं पर काम करेंगे. इसके लिए पूरा जोर लगाएंगे, जिससे किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए हम तैयार हों. किसी भी सेना प्रमुख के लिए जम्मू कश्मीर की चुनौती से निपटने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि 5 अगस्त के बाद वहां हालात बहुत सुधरे हैं.

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उन्होंने कहा कि 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद वहां पथराव या आतंकी घटनाएं काफी कम हुई हैं. थल सेना प्रमुख ने पाकिस्तान को लेकर कहा कि सरहद के उस पार अभी भी कैंपों और लांचिंग पैड पर आतंकी घुसपैठ की कोशिश में हैं. उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह तैयार हैं. वह जब भी घुसपैठ की कोशिश करेंगे, नाकाम होगी.

जनरल नरवणे ने कहा कि पाकिस्तान ने वैश्विक स्तर पर यह संदेश देने की कोशिश की कि आतंकवाद का असर उन पर भी है. यह कोशिश संयुक्त राष्ट्र संघ में भी की गई. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सारी कोशिशें असफल रहीं. इस बात को कोई नहीं मान रहा कि जो भारत में हो रहा है, उसमें पाकिस्तान का हाथ नहीं है. बता दें कि जनरल नरवणे सेना के उपप्रमुख का पद्भार भी संभाल चुके हैं.

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