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10 दिन में भारत के लोगों को हुआ 26 लाख करोड़ रुपये का नुकसान

पिछले 10 दिनों से लगातार सोने की कीमत में गिरावट के बावजूद आम आदमी को सोना खरीदने में डर लग रहा है. डरना जरूरी भी है क्योंकि आंकड़े बता रहें है कि भारत के घरों में पड़े लगभग 20 हजार टन सोने की कीमत में लगभग 26 लाख करोड़ रुपये की कमी हो चुकी है.

वित्त मंत्री ने कहा था घरों में 20,000 टन सोना पड़ा है वित्त मंत्री ने कहा था घरों में 20,000 टन सोना पड़ा है
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 23 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 5:56 AM IST

ग्लोबल स्तर पर सोने की कीमतों में लगातार जारी गिरावट से लोग सहम गए हैं. आमतौर पर सोने की कीमत गिरने पर लोगों में सोने की खरीदारी, खासतौर से भारत और चीन में, का रुझान बढ़ जाता है. लेकिन पिछले 10 दिनों से लगातार सोने की कीमत में गिरावट के बावजूद आम आदमी को सोना खरीदने में डर लग रहा है. डरना जरूरी भी है, क्योंकि आंकड़े बता रहें है कि भारत के घरों में पड़े लगभग 20 हजार टन सोने की कीमत में लगभग 26 लाख करोड़ रुपये की कमी हो चुकी है.

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देश में घरों और संस्थाओं के पास कितना सोना
केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट 2015-16 पेश करते हुए कहा था कि लगभग 20,000 टन सोना देश में परिवारों और संस्थाओं (जिसमें मंदिर, गुरुद्वारे जैसी धार्मिक संस्थाएं भी शामिल हैं) के पास पड़ा है जिसमें न किसी तरह की ट्रेडिंग हो रही है और न ही कि वह किसी के काम आ रहा है. जेटली ने सदन में दलील दी कि इस सोने को मॉनेटाइज करने की जरूरत है जिससे बाजार में तरलता बढ़े और अर्थव्यवस्था में तेजी आए. साथ ही देश में बड़ी संख्या में हो रहे गोल्ड इंपोर्ट पर लगाम लगाया जा सके. लिहाजा, केन्द्र सरकार ने स्वर्ण मौद्रिकरण योजना तैयार कर लही है जिसे अगले कुछ हफ्तों में कैबिनेट की मंजूरी के लिए लाया जाएगा.

सोने की कीमत में गिरावट का आंकलन
ग्लोबल स्तर पर सोने की कीमत तय करने में लंदन मेटल एक्सचेंज की अहम भूमिका रही है. लिहाजा वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की कीमतों के आधार पर देखा जाए तो साल 2015 में यह दूसरी बार है कि सोने की कीमत में बड़ी गिरावट दर्ज हो रही है. पहली बार 23 जनवरी, 2015 को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की 25,610 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर पर थी. इसके बाद 18 मार्च 2015 तक लगातार सोने की कीमत में गिरावट देखी गई और वह 23,140 रुपये प्रति 10 ग्राम के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई. हालांकि, इस स्तर से 17 मई 2015 को सोना वापस 25,075 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच कर चमकने लगा.

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सोने की कीमत में मौजूदा गिरावट जुलाई में शुरू हुई और 13 जुलाई 2015 को कीमत 23,560 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गई. लेकिन इस स्तर के बाद से 22 जुलाई 2015 तक लंदन मेटल एक्सचेंज पर सोने की कीमत में लगातार गिरावट हुई और वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अंतरराष्ट्रीय मानकों पर 10 ग्राम सोने की कीमत घटकर केवल 22,274 रुपये रह गई. लिहाजा पिछले 10 दिनों में प्रति 10 ग्राम सोने की कीमत में 1285 रुपये की कमी देखने को मिली.

इस हिसाब से प्रति किलो सोने की कीमत 10 दिनों में 1,28,500 रुपये (1285x100=1,28,500) घट चुकी है. और 1 टन (1000 किलो) सोने की कीमत 10 दिनों में 12,85,00,000 (12 करोड़ 85 लाख रुपये) कम हो चुकी है. लिहाजा, वित्त मंत्री के संसद में दिए बयान के मुताबिक देश में घरों और संस्थाओं के पास रखे 20,000 टन सोने की कीमत पिछले 10 दिनों में लगभग 26 लाख करोड़ रुपये (12,85,00,000X20,000=25,70,00,00,00,000) कम हो चुकी है. ग्लोबल कमोडिटी बाजार के जानकारों का मानना है कि अगले कुछ दिनों तक सोने की कीमत में और भी गिरावट देखी जा सकती है, ऐसे में नया सोना खरीदकर घर पर रखने में उसकी कीमत कम होने का खतरा लगातार बना हुआ है.

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