
भारतीय तटरक्षक दल की अगुवाई में समुद्र में दुर्घटनावश होने वाले तेल के फैलाव से निपटने की तैयारी के लिए एक व्यापक अभ्यास का गुजरात के तटवर्ती कच्छ के समुद्र में किया गया. जिसका अवलोकन विजय रुपानी ने किया. देश में सबसे लंबे समुद्रतट (1600 किमी) वाले मुंद्रा के निकट अरब सागर में आयोजित इस छठे वार्षिक अभ्यास अभियान का नाम स्वच्छ लहर और कूट नाम नैटपोलरेक्स 6 रखा गया है जो कि कोस्टगार्ड, नेवी ओर एयरफोर्स तीनो एजेंसी के जरीये किया गया.
समुद्री सम्पदा और जीवों के लिए बेहद खतरनाक माने जाने वाले तेल के फैलाव से निपटने के लिए आयोजित इस तैयारी अभियान में कई तरह की नौकाओं, समुद्री जहाजों और वायु सेना के विमानों की भी
सहायता ली गयी. इस दौरान हाल में तटरक्षक दल में शामिल प्रदूषण नियंत्रण नौकाओं और विशेषज्ञ प्रदूषण प्रतिक्रिया दलों का भी इस्तेमाल किया गया है.
बड़े तेल जहाज में आपत्ति आ गई और क्रू मेंबर की जख्मी हो जाते है और कोस्ट गार्ड की 2 लाइफ सेविंग बोट अपने खास रेस्क्यू जीवन प्रर्दशन किया जाता है और अगर किसी बड़े जहाज में आग लग जाये तो दोनों और से कोस्ट गार्ड के प्ल्यूसन कंट्रोल जहाज बड़े ओइल टैंकर जिसमें आग लगी है उसे खास कैमिकल वाला पानी डालते है जिसे आग जल्द बुझ जाये. इस जहाज से 120 मीटर दूर पानी फेंका जा सकता है.
भारतीय कोस्ट गार्ड के पास अब आकाश मार्ग से भी समंदर को स्वच्छ रखने वाले उपकरण मौजूद है जिसके आयोग से ओइल को पानी में ही पत्थर जैसा गाढ़ा बना दिया जाता है और ओइल पत्थर बन पानी में डूब जाता है, कोस्ट गार्ड के चेतक हेलीकॉप्टर के जरिये जहां पर ओइल फैला होता है उस पर विशेष तरह का कैमिकल डाल कर ओइल को पत्थर बना दिया जाता है.