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सीमा पर तनाव के बीच 100 हेरॉन ड्रोन मंगाने की तैयारी, जानें इसकी खासियत

रक्षा सूत्रों ने आजतक से बात करते हुए कहा कि रक्षा मंत्रालय के सामने जल्द ही यह प्रस्ताव रखा जाएगा, जिसमें उनसे 100 हेरॉन ड्रोन मंगवाने को कहा जाएगा. इससे हमारे लिए सीमा की देखभाल करना आसान हो जाएगा.

भारतीय रक्षा बल क्यों मांग रहा ड्रोन? (प्रतीकात्म फोटो) भारतीय रक्षा बल क्यों मांग रहा ड्रोन? (प्रतीकात्म फोटो)
मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली,
  • 09 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 6:18 PM IST

  • 100 हेरॉन ड्रोन मंगवाने का भेजेगा प्रस्ताव
  • दुश्मनों से मुकाबला करने में होगी आसानी
चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारतीय रक्षा बल, रक्षा मंत्रालय को 100 हेरॉन ड्रोन मंगवाने का प्रस्ताव भेजने वाला है. रक्षा बल को उम्मीद है कि हेरॉन ड्रोन के शामिल होने से हमारी सेना ज्यादा मजबूत होगी और दुश्मन देशों से मुकाबला करने में आसानी होगी. रक्षा सूत्रों ने आजतक से बात करते हुए कहा कि रक्षा मंत्रालय के सामने जल्द ही यह प्रस्ताव रखा जाएगा. जिसमें उनसे 100 हेरॉन ड्रोन मंगवाने को कहा जाएगा. इससे हमारे लिए सीमा की देखभाल करना आसान हो जाएगा. साथ ही हम हवाई हमले के मामले में काफी मजबूत हो जाएंगे.

बता दें, यह प्रस्ताव कई सालों से लंबित है. इस पर एक बार फिर से विचार किया जा रहा है. क्योंकि हाल के दिनों में देश के लिए वातावरण प्रतिकूल यानी कि विपरीत हो गया है. ऐसे में हमें एक मानवरिहत ड्रोन की जरूरत है जो ना केवल निगरानी करने में माहिर हो, बल्कि काफी ऊंचाई से जमीन पर हमला करने में भी सक्षम हो.

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प्रस्ताव में लेजर गाइडेड बम, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल और काफी ऊंचाई से जमीन पर मार करने में माहिर ड्रोन लाने की बात कही जाएगी.

मौजूदा हालात को देखते हुए भारतीय रक्षा बल, हेरॉन सर्विलांस ड्रोन की मांग बढ़ाने वाला है. क्योंकि भारत अपनी सर्विलांस क्षमता बढ़ाने पर विचार कर रहा है. ऐसे में हेरॉन सर्विलांस ड्रोन और स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल के आने से भारतीय सेना को काफी मजबूती मिलेगी.

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क्यों खास है हेरॉन

हालांकि हम अभी भी हेरॉन मानवरहित विमान का प्रयोग कर रहे हैं. वायु सेना, जल सेना और थल सेना द्वारा बड़े पैमाने पर सर्विलांस के लिए हेरॉन का प्रयोग किया जा रहा है. वायु सेना लद्दाख में इसका प्रयोग कर रही है.

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हेरॉन ड्रोन लगातार 30 घंटे तक उड़ सकता है. इसमें खुफिया कैमरे लगे होते हैं जिससे सेना को दुश्मनों की जानकारी इकट्ठा करने में आसानी होगी.

यह ड्रोन हवा से ही आतंकी ठिकानों की पहचान कर लेता है और उस पर निशाना लगाकर उसे ध्वस्त भी कर सकता है. यह ड्रोन किसी भी मौसम में उड़ सकता है, साथ ही 45000 फीट की ऊंचाई तक एक टन वजन के साथ उड़ सकता है.

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अच्छी बात यह है कि इसे उड़ाने के लिए किसी पायलट की जरूरत नहीं होती. इसे कंट्रोल रूम में बैठकर ऑपरेटर किया जा सकता है. यह ड्रोन 370 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ड्रोन के भारत आने से हमारे सुरक्षा बलों का मनोबल कितना ऊंचा होगा.

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