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मोदी सरकार के लिए अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अच्छी खबर मिली है. तीसरी तिमाही के दौरान भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.2 फीसदी रही है. जीडीपी की इस रफ्तार के बूते भारत ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है. इसके साथ ही भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी बन गई है.
जीडीपी वृद्धि दर तीसरी तिमाही में जहां 7.2 फीसदी रही है. इस दौरान चीन की जीडीपी की रफ्तार 6.8 फीसदी रही थी. इस मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है.
अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर आई इस खबर ने पीएम मोदी के लिए भी काफी राहत लाई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र लगातार बैड लोन और इकोनॉमी के मोर्चे पर सुस्त रफ्तार के लिए आलोचना झेल रहे थे.
पिछले हफ्ते ही आए रॉयटर्स पोल में उम्मीद जताई गई थी कि अक्टूबर से दिसंबर तिमाही के बीच जीडीपी की रफ्तार 6.9 फीसदी रह सकती है. जीडीपी के आंकड़े पोल के अनुमान के काफी करीब रहा है.
बता दें कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में चीन की जीडीपी की रफ्तार 6.8 फीसदी रही थी. इससे पहले 2016 में भारतीय जीडीपी में तेज वृद्धि देखने को मिली थी. यह 2016 के आखिरी तीन महीनों के दौरान से तेजी से बढ़ी थी.
वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5 फीसदी रहा. जीडीपी के इन आंकड़ों से केन्द्र सरकार को राहत पहुंची क्योंकि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर 5.7 फीसदी थी.
पहली तिमाही में विकास दर के आंकड़े 13 तिमाही के निचले स्तर पर पहुंच गए थे और इसके लिए आर्थिक जानकारों ने नवंबर 2016 में नोटबंदी समेत बड़े आर्थिक उलटफेर को जिम्मेदार ठहराया था.