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स्टडी: पब्लिक ट्रांसपोर्ट में असुरक्षित महसूस करती हैं भारत की लड़कियां

एक स्टडी की रिपोर्ट में सामने आया है कि भारत में 11 से 18 वर्षीय यंग लड़कियां पब्लिक जगहों पर खुद को असुरक्षित समझती हैं.

(Photo: Reuters) (Photo: Reuters)
प्रज्ञा बाजपेयी
  • नई दिल्ली,
  • 03 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 5:11 PM IST

21वीं सदी में जहां महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. वहीं आज भी देशभर में कई लड़कियां खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं.

हाल ही में हुई एक स्टडी इस बात की पुष्टि हुई है. स्टडी की रिपोर्ट में सामने आया है कि भारत में 11 से 18 वर्ष की लड़कियां पब्लिक जगहों पर खुद को असुरक्षित समझती हैं.

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'विंग्स 2018: वर्ल्ड ऑफ इंडियाज गर्ल्स' नाम की स्टडी में बताया गया है कि 47 फीसदी शहर और 40 फीसदी गांव की यंग लड़कियां पब्लिक ट्रांसपोर्ट को इस्तेमाल करने में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं. इस स्टडी को इंटरनेशनल नॉन गवर्मेंटल आर्गेनाइजेशन 'सेव द चिल्ड्रेन इन इंडिया' द्वारा प्रकाशित किया गया है.

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इस स्टडी में 30 शहर, 84 गांव और 12 जिलों को शामिल किया गया है. स्टडी की रिपोर्ट के मुताबिक, 3,128 टीनएजर्स लड़कियां, 1,141 टीनएजर्स लड़के , 248 महिलाओं ( उम्र 19 से 22) की कम उम्र में जबरदस्ती शादी कराई गई है. इनमें 842 लोग टीनेजर्स के पैरेंट्स बन चुके हैं.

स्टडी की रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि बड़े शहरों की केवल 44 फीसदी लड़कियां ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल करने में असुरक्षित महसूस करती हैं, वहीं इसके मुकाबले मध्य और छोटे शहरों की 51 फीसदी महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं. इसी तरह छोटे गांव की 42 फीसदी लड़कियां और बड़े गांव की 39 फीसदी लड़कियां पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर करने से कतराती हैं.

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यह स्टडी भारत के 6 राज्यों में की गई है. जिसमें असम, दिल्ली NCR, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र ,तेलंगाना, और वेस्ट बंगाल शामिल है.

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पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अलावा मार्केट, प्राइवेट ट्यूशन, और स्कूल की ओर जाने वाली सड़कें यंग लड़कियों के लिए असुरक्षित बताई गई हैं.

स्टडी में ये भी बताया गया है कि बड़े शहरों की कई लड़कियां सिनेमा घरों में भी खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं. हालांकि इनमें ज्यादातर लड़कियां कम आय और बस्तियों में रहने वाली हैं.

शहरों की लगभग 20 फीसदी लड़कियों को भीड़ वाली जगहों पर शारीरिक रूप से हमला होने का डर रहता है. वहीं 11 फीसदी लड़कियों को रेप का डर सताता है.

स्टडी में ये भी सामने आया कि अधिकतर लड़कों और पैरेंट्स की सोच है कि लड़कियों को ज्यादा भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए.

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