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भारतीय IT कंपनियों को H-1B वीजा के लिये अब 4000 डॉलर ज्यादा देने होंगे

भारतीय आईटी कंपनियों को अमेरिका से एच-1बी वीजा पाने के लिये 4000 डॉलर की अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा. अब आई कंपनियों के लिए वीजा लेना काफी महंगा हो जायेगा. पिछले साल दिसंबर में पास हुए इस कानून को अब लागू किया गया है.

सबा नाज़
  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2016,
  • अपडेटेड 4:59 PM IST

भारतीय आईटी कंपनियों को अमेरिका से एच-1बी वीजा पाने के लिये 4000 डॉलर की अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा. अब आई कंपनियों के लिए वीजा लेना काफी महंगा हो जायेगा. पिछले साल दिसंबर में पास हुए इस कानून को अब लागू किया गया है.

नए कानून के मुताबिक L-1 वीजा के लिए आवेदन करने वालों को 4500 डॉलर ज्यादा देने होंगे. ये कानून 30 सितंबर 2025 तक लागू रहेगा. अमेरिका के फेडरल सिटिजनशिप और इमिग्रेशन सेवा (यूएससीआईएस) की वेबसाइट पर बढ़ी हुई फीस का ब्यौरा दे दिया जाएगा.

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इन्हें दिया जाता है एच -1बी और एल1 वीजा
एच -1बी वीजा कार्यक्रम अमेरिकी व्यवसायों में विदेशी कर्मचारियों को रोजगार हेतु अमेरिका में आकर विशेषज्ञता वाले व्यवसायों में प्रायोजित करने हेतु सक्षमता प्रदान करता है. एल1 वीजा ऐसी कंपनी के कर्मचारियों को दिया जाता है जिनका अमेरिका और विदेश दोनों जगह ऑफिस होता है.

आईटी कंपनियों ने लगाया था भेदभाव का आरोप
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियां जो इन नियमों को भेदभावपूर्ण बताती हैं उनपर करीब 40 करोड़ डालर सालाना का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी यह मामला उच्चतम स्तर पर उठा चुके हैं.

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