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मुसलमानों और दलितों ने की बीफ निर्यात पर बैन की मांग

मुस्लिम धर्मगुरुओं और दलितों ने मांग की है कि मोदी सरकार बीफ निर्यात पर पूरी तरह रोक लगाए. दिल्ली के मावलंकर सभागार में इत्तेहाद मिल्लत काउंसिल के बैनर तले एक सिम्पोजियम का आयोजन किया गया

दिग्विजय सिंह दिग्विजय सिंह
अहमद अजीम
  • नई दिल्ली,
  • 11 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 12:06 AM IST

मुस्लिम धर्मगुरुओं और दलितों ने मांग की है कि मोदी सरकार बीफ निर्यात पर पूरी तरह रोक लगाए. दिल्ली के मावलंकर सभागार में इत्तेहाद मिल्लत काउंसिल के बैनर तले एक सिम्पोजियम का आयोजन किया गया. इस आयोजन में एक सुर में ये संदेश दिया कि मुसलमानों और दलितों को गौ हत्या के नाम पर निशाना बनाया जा रहा है जबकि बीफ के निर्यात से गैर-मुस्लिम कारोबारी अपनी जेबे भर रहे हैं. आयोजकों के मुताबिक देश की चार बड़ी बीफ निर्यातक कंपनियां गैर-मुसलमानों की है.

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पीएम मोदी पर वादाखिलाफी का आरोप
इस आयोजन में आए वक्ताओं ने एक सुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हालिया बयान को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने गौ रक्षा के नाम पर असामाजिक तत्वों पर निशाना साधा था. वक्ताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री का बयान महज एक दिखावा था, क्योंकि जो लोग सरेआम गौ हत्या के नाम पर मुसलमानों और दलितों को निशाना बना रहे हैं वो बीजेपी से जुड़े संगठनों से हैं और उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है.

दिग्विजय सिंह ने केंद्र पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी बीफ निर्यात पर पाबंदी के समर्थन में इन संगठनों के साथ नजर आए. दिग्विजय ने कहा कि गाय में हिन्दुओं की श्रद्धा है और अगर बीफ निर्यात बंद हो तो ये अच्छी बात होगी. दिग्विजय ने कहा कि संघ विचारक वीर सावरकार खुद गौकशी पर प्रतिबंध के विरोधी थे. लेकिन एक हिन्दू होने के नाते मैं चाहूंगा की गौ हत्या न हो और बीफ निर्यात पर पाबंदी लगे. गौ-रक्षा के नाम पर कानून को अपने हाथ में लेने वाले लोगों पर कटाक्ष करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, 'बूढ़ी हो जाने पर हिन्दू लोग गाय को क्यों बेच देते हैं? क्या बूढ़ी हो जाने पर आप अपनी मां को बेच देते हैं? क्यों नहीं अपने आप को गौ-रक्षक कहने वाले ये लोग ऐसी गायों की सेवा करते.'

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बीफ एक्सपोर्ट पर बैन की मांग तेज
इत्तेहाद के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने कहा, 'सत्ता में आने से पहले मोदी ने कहा था कि वो गुलाबी क्रांति बंद कर सफेद क्रांति यानी दूध क्रांति लाएंगे, लेकिन हकीकत ये है कि पिछले 2 सालों में बीफ निर्यात 20 गुना बढ़ गया है. भारत बीफ निर्यातक देशों में पहले पायदान पर आ गया है. सबसे ज्यादा जानवरों की हत्या मोदी सरकार में हो रही है और जिस तरह पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से पर्यावरण को खतरा हो गया है उसी तरह जानवरों की हत्या से दूध की कमी और दूसरे संकट पैदा होंगे. मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि मुसलमानों को बीफ नहीं खाना चाहिए क्योंकि गाय के दूध में शिफा (सेहत के लिए फायदेमंद) और मांस में बीमारी है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पशुओं का नरसंहार हो रहा है उससे वो दिन दूर नहीं जब हमारे देश में जानवर दिखने को नहीं मिलेंगे. इसलिए बीफ निर्यात पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाए.

कन्हैया कुमार भी कार्यक्रम में थे मौजूद
जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा कि ये सरकार जानबूझ कर ऐसे मुद्दों को हवा दे रही है जो गैर-जरूरी हैं ताकि असल मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सका और नफरत की राजनीति से राजनीतिक रोटियां सेंकी जा सके. इस सिम्पोजियम में ऑल इंडिया मुस्लिम मशावरात, जमिअत उलेमा ऐ हिन्द और जमात-ऐ-इस्लामी समेत कई और मुस्लिम संगठनों के नुमाइंदों ने शिरकत की. फिल्म अभिनेता राजा मुराद ने भी अपने ख्यालों का इजहार किया.

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