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अमृतसर में हुआ किरपाल के शव का पोस्टमार्टम, नहीं मिला चोट का निशान

लाहौर के जिन्ना हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम करने के बाद किरपाल का शव भारतीय उच्चायोग के अध‍िकारियों को सौंपा दिया.

किरपाल सिंह को मौत के बाद नसीब होगी वतन की मिट्टी किरपाल सिंह को मौत के बाद नसीब होगी वतन की मिट्टी
रोहित गुप्ता
  • अमृतसर/लाहौर ,
  • 19 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 9:52 PM IST

पाकिस्तान के जिन्ना अस्पताल के बाद भारत में अमृतसर के एक अस्पताल में भी किरपाल सिंह के शव का पोस्टमार्टम किया गया. डॉक्टरों की तीन सदस्यीय पोस्टमार्टम कमिटी के प्रमुख डॉ. अशोक चन्ना ने बताया कि शव में किसी अंदरुनी चोट के निशान नहीं मिले हैं. कुछ अंग नदारद हैं, जिन्हें रोगों की जांच के लिए निकाला गया होगा.

अमृतसर में भी हुआ पोस्टमार्टम
जहर की जांच के लिए कुछ अंगों को खारद केमिकल लैब में भेजा गया है. अभी तक मौत के कारण की पुष्टि नहीं की जा सकी है. पाकिस्तान ने किरपाल की मौत की वजह हार्ट अटैक होना बताया था. इसके पहले पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में दम तोड़ने वाले भारतीय किरपाल सिंह का शव वाघा पहुंचा दिया गया. 55 वर्षीय किरपाल की 11 अप्रैल को लाहौर की कोट लखपत जेल में संदिग्ध हालात में मौत हुई थी.

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मंगलवार को लाहौर के जिन्ना हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम करने के बाद किरपाल का शव वाघा बॉर्डर पर भारतीय अध‍िकारियों को सौंपा गया. इसके बाद किरपाल सिंह का पोस्टमार्टम अमृतसर में हो रहा है.

25 साल से पाकिस्तानी जेल में कैद थे किरपाल
गुरदासपुर के रहने वाले किरपाल जासूसी के आरोप में पिछले 25 सालों से पाकिस्तानी जेल में कैद थे. वह 1992 में वाघा सीमा के रास्ते कथित तौर पर पाकिस्तान में घुस गए थे और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. उन्हें बाद में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में मौत की सजा सुनाई गई.

बम ब्लास्ट के आरोप से हुए थे बरी, लेकिन कम नहीं हुई सजा
किरपाल को लाहौर हाई कोर्ट ने कथित तौर पर बम विस्फोट के आरोपों से बरी कर दिया था लेकिन उनकी सजा को अज्ञात कारणों से कम नहीं किया गया. किरपाल के परिजनों ने उनकी मौत के पीछे साजिश बताई है, लेकिन पाकिस्तान का कहना है कि किरपाल की मौत दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई.

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नेताओं पर फूटा बहन का गुस्सा
किरपाल की बहन जागीर कौर ने इससे पहले कहा कि परिवार वित्तीय बाधाओं की वजह से आवाज नहीं उठा सका और उनके मामले को उठाने के लिए कोई नेता आगे नहीं आया.

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