Advertisement

बजट आजतक 2017: नोटबंदी से पूरे देश का हुआ पेस्ट कंट्रोल

अबकी बार दरियादिल सरकार' सेशन में भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व निदेशक विपिन मलिक, बंधन बैंक के अध्यक्ष और पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अशोक लाहिड़ि, SKA के सलाहकार और संस्थापक सुनील अलघ और पीडब्ल्यूसी में कार्यकारी निदेशक कुलदीप कुमार शामिल हुए. इस सेशन का संचालन पुण्य प्रसून बाजपेई ने किया.

नोटबंदी ने पूरे देश का किया पेस्ट कंट्रोल नोटबंदी ने पूरे देश का किया पेस्ट कंट्रोल
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 5:37 PM IST

अबकी बार दरियादिल सरकार' सेशन में भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व निदेशक विपिन मलिक, बंधन बैंक के अध्यक्ष और पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अशोक लाहिड़ि, SKA के सलाहकार और संस्थापक सुनील अलघ और पीडब्ल्यूसी में कार्यकारी निदेशक कुलदीप कुमार शामिल हुए. इस सेशन का संचालन पुण्य प्रसून बाजपेई ने किया.

इस सेशन की शुरुआत में मंच पर बैठे एक्सपर्ट्स ने माना कि मोदी सरकार के कार्यकाल के दो बजट बचे हुए हैं. यह दोनों बजट सरकार के लिए बेहद अहम है. आगामी बजट से पहले केन्द्र सरकार के नोटबंदी के फैसले से डिमांड को करारा झटका लगा है वहीं इंडस्ट्री की तरफ से अर्थव्यवस्था में निवेश रुका हुआ है. लिहाजा आगामी बजट में केन्द्र सरकार की कोशिश इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश करते हुए देश में नौकरी में इजाफा करने की होगी. इसके साथ ही डिमांड पैदा करने के लिए केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह निचले तबके की जेब में पैसा पुहंचाए.

Advertisement

सुनील अलघ का मानना है कि देश में इनकम टैक्स का कानून बहुत ही वृहद है. बीते 10 साल में इस कानून में सब सेक्शन के जरिए इतने नए कानून और निर्देश जोड़ दिए गए हैं कि किसी आम आदमी के लिए इससे समझ पाना लगभग नामुमकिन हो गया है. नोटबंदी पर बोलते हुए अलग ने कहा कि इस कदम से सरकार ने पूरे देश का पेस्ट कंट्रोल कर दिया है. अब देश में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए बेहद जरूरी है कि टैक्स चोरी करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी से कड़ी सजा दी जाए.

विपिन मलिक ने कहा कि सरकार पर बजट में नौकरी पैदा करने का दबाव होगा. नोटबंदी से डिमांड गिरी है. डिमांड के लिए निचले तबके के पास पैसा पहुंचाना जरूरी है. वहीं, कुलदीप कुमार ने कहा कि भारत को भी अमेरिका और यूरोपीय देशों की तरह भारत पहले जैसी सोच विकसित करने की जरुरत है. कुलदीप ने कहा कि नोटबंदी जैसे फैसले के बाद अब सरकार को यह सोचने की जरूरत है कि इस कदम से देश में कितना पैसा आया है या आने की उम्मीद है.

Advertisement

कुलदीप के मुताबिक नोटबंदी समेत देश में रिफॉर्म के उठाए गए सभी कदमों का फायदा देश में टैक्स बेस बढ़ाने में नहीं देखने को मिला है. लिहाजा अब उसकी चुनौती यह होनी चाहिए कि वह कितनी जल्दी बैंक खातों की जांच कर यह पता लगा सके कि अर्थव्यवस्था में कालेधन पर लगाम लगाने की इस कवायद से सरकार को क्या और कितना फायदा हुआ है.

सुनील अलघ का दावा था कि नोटबंदी से अगले 2-3 साल तक देश में भ्रष्टाचार नहीं रहेगा. लिहाजा इसे आगे भी कायम रखने के लिए यह जरूरी है कि बैंकों से बड़ी रकम की निकासी पर प्रतिबंध को जारी रखा जाए. अशोक लाहिड़ि ने कहा कि कोई भी व्यक्ति टैक्स नहीं देना चाहता है. ये काफी पेचीदा है. टैक्स रेट कम करने की जरूरत है. टैक्स रेट कम करने से रेवन्यू बढ़ेगा. वहीं टैक्स चोरी करने वालों को जेल में डालना चाहिए. टैक्स चोरी की सजा से टैक्स का दायरा बढ़ेगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement