
चार महीने का बच्चा मोहम्मद जहान हर रोज शाहीन बाग में प्रदर्शन में शामिल होने अपनी मां के साथ आता था. लोगों के बीच वह काफी मशहूर था. लोग बारी-बारी से उसे अपनी गोद में लेते और गालों पर तिरंगा बनाते थे. लेकिन अब मोहम्मद जहान शाहीन बाग में नजर नहीं आएगा. पिछले हफ्ते हांड कंपा देने वाली सर्दी की चपेट में आने के कारण उसकी मौत हो गई.
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने यह जानकारी दी है. हालांकि उसकी मां का कहना है कि वह आगे भी प्रदर्शन में हिस्सा लेगी क्योंकि 'यह उसके बच्चों के भविष्य के लिए है'. मासूम के माता-पिता मोहम्मद आरिफ और नाजिया बाटला हाउस इलाके में एक छोटी सी झोपड़ी में रहते हैं. उनकी 5 साल की बेटी और एक साल का बेटा भी है.
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बरेली से है परिवार
पीटीआई के मुताबिक, यह दंपति उत्तर प्रदेश के बरेली का रहने वाला है और मुश्किल से ही इनकी जरूरतें पूरी हो पाती हैं. आरिफ एक एम्ब्रॉयडरी कारीगर होने के साथ-साथ ई-रिक्शा भी चलाता है. उसकी पत्नी भी एम्ब्रॉयडरी के काम में उसकी मदद करती है. आई लव माय इंडिया लिखी ऊनी टोपी पहने अपने 4 महीने के मासूम बेटे जहान की तस्वीर दिखाते हुए मोहम्मद आरिफ ने कहा, 'ई-रिक्शा और एम्ब्रॉयडरी का काम करने के बावजूद मैं पिछले महीने उतना कमा नहीं पाया. अब हमने अपना बेटा भी खो दिया, हमारा सब कुछ चला गया.'
'सोते-सोते हो गई मौत'
मासूम की मां नाजिया ने कहा कि जहान की मौत 30 जनवरी की रात को सोते-सोते ही हो गई थी. उन्होंने बताया, 'मैं रात करीब 1 बजे शाहीन बाग से लौटी. उसे और बाकी बच्चों को सुलाने के बाद मैं भी सोने चली गई. सुबह जब हम उठे तो देखा वह हिल-डुल नहीं रहा है.'
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आरिफ और नाजिया उसे 31 जनवरी की सुबह पास के अलशिफा अस्पताल ले गए, जहां उसे लाया हुआ मृत घोषित कर दिया गया. नाजिया 18 दिसंबर से हर रोज शाहीन बाग के प्रदर्शन में शामिल हो रही है. उन्होंने कहा कि जहान को ठंड लगी, जो बाद में जानलेवा हो गई. हालांकि डॉक्टरों ने बच्चे के डेथ सर्टिफिकेट में मौत का कोई खास कारण नहीं बताया है.
मां और पति से की लड़ाई
पीटीआई के मुताबिक, दंपति के पड़ोस में रहने वाली शाजिया ने कहा कि नाजिया ने शाहीन बाग के प्रदर्शन में शामिल होने के लिए अपनी मां और पति से लड़ाई की. वह पड़ोस की सभी औरतों को साथ चलने के लिए जमा करती थी और फिर सारे 2 किलोमीटर दूर प्रदर्शन में शामिल होने जाते थे. कई बार आरिफ ई-रिक्शा से उनमें से कुछ महिलाओं को शाहीन बाग छोड़ता था. नाजिया ने कहा कि सीएए और एनआरसी सभी समुदायों के हितों के खिलाफ है. वह शाहीन बाग के प्रदर्शनों में शामिल होंगी, लेकिन इस बार अपने बच्चों के बिना.
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'...तो बेटा आज जिंदा होता'
नाजिया ने कहा, 'मैं ये सब क्यों कर रही हूं? अपने और हमारे बच्चों के लिए, जिन्हें इस देश में उज्ज्वल भविष्य की जरूरत है. सीएए लोगों को धर्म के आधार पर बांट रहा है और इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा. मैं नहीं जानती कि इसमें राजनीति शामिल है या नहीं लेकिन जो मेरे बच्चों के भविष्य के खिलाफ होगा, मैं उस पर सवाल उठाऊंगी.'
वहीं आरिफ ने अपने बच्चे की मौत के लिए सीएए और एनआरसी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, 'अगर सरकार सीएए और एनआरसी नहीं लाती तो न लोग प्रदर्शन करते, न मेरी पत्नी उसमें शामिल होती और मेरा बच्चा आज जिंदा होता'.