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सवालों के घेरे में AAP प्रत्याशी भावना गौड़, पार्टी कर रही जांच, कट सकता है टिकट

दिल्ली के पालम से आम आदमी पार्टी (AAP) प्रत्याशी भावना गौड़ दो प्रमुख विवादों में फंस गई हैं. उन पर ऐसे इल्जाम हैं, जिनके चलते पार्टी उनकी उम्मीदवारी वापस भी ले सकती है. फिलहाल प्रोफेसर आनंद कुमार, प्रशांत भूषण और आशीष खेतान की सदस्यता वाली एक समिति उन पर लगे आरोपों की जांच कर रही है. यह समिति 4 दिसंबर तक अपना फैसला पार्टी को बताएगी और भावना गौड़ के बारे में अपनी संस्तुति देगी.

Bhavna Gaur Bhavna Gaur
कुलदीप मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 02 दिसंबर 2014,
  • अपडेटेड 8:23 AM IST

दिल्ली के पालम से आम आदमी पार्टी (AAP) प्रत्याशी भावना गौड़ दो प्रमुख विवादों में फंस गई हैं. उन पर ऐसे इल्जाम हैं, जिनके चलते पार्टी उनकी उम्मीदवारी वापस भी ले सकती है. फिलहाल प्रोफेसर आनंद कुमार, प्रशांत भूषण और आशीष खेतान की सदस्यता वाली एक समिति उन पर लगे आरोपों की जांच कर रही है. यह समिति 4 दिसंबर तक अपना फैसला पार्टी को बताएगी और भावना गौड़ के बारे में अपनी संस्तुति देगी. AAP के लिए मसीहा बना मफलरमैन

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साफ छवि के लोगों को टिकट देने का दावा करने वाली AAP ने अपने प्रत्याशियों की पहली सूची में भावना गौड़ का नाम भी घोषित किया है. हमें मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, भावना दो ऐसे विवादों में फंसी हैं, जो उन्हें 'साफ छवि का नेता' तो हरगिज साबित नहीं करते. इनमें से एक आरोप है अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में कथित रूप से झूठ बोलना और दूसरा किराए के मकान में अवैध निर्माण कराने संबंधी एक पुराना मुकदमा. सूत्रों के मुताबिक, शैक्षिक योग्यता के बारे में अलग-अलग दावे करने के मामले में पार्टी की समिति ने उन्हें बरी कर दिया है. लेकिन मकान पर कब्जा करने के केस में समिति अभी आखिरी फैसला करेगी. प्रशांत भूषण और उनके कानूनी विशेषज्ञ सहयोगी ऋषि कोर्ट में चले इस मामले और कोर्ट के फैसले की पूरी जांच करेंगे. उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि समिति 4 दिसंबर तक भावना गौड़ के आरोपों पर आखिरी फैसला लेकर पार्टी को उसकी संस्तुति कर सकती है. AAP उम्मीदवारों की दूसरी सूची

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पहला विवाद: शैक्षिक योग्यता
भावना गौड़ ने चुनाव आयोग को दिए हलफनामे और आम आदमी पार्टी के लिए भरे फॉर्म में अपनी शैक्षिक योग्यता अलग-अलग बताई है. AAP के फॉर्म में वह खुद को बी.ए. बी.एड. बताती हैं, जबकि चुनाव आयोग के हलफनामे में उन्होंने अपनी उच्चतम शैक्षिक योग्यता बारहवीं बताई है. याद रहे कि हाल ही में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ऐसे ही विवाद में फंसी थीं, तब सोशल मीडिया पर प्रभावशाली उपस्थिति रखने वाले AAP कार्यकर्ताओं और नेताओं ने उन पर खूब जुबानी हमले, व्यंग्य और कटाक्ष किए थे. लेकिन AAP की अनुशासनात्मक समिति ने जब भावना गौड़ को बुलाकर इस बारे में पूछताछ की तो उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव से ठीक पहले उनकी बी.ए. और बीएड. की डिग्री खो गई थी. वह चुनाव आयोग के सामने उम्मीदवारी रद्द होने का जोखिम नहीं लेना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने हलफनामे में अपनी उच्चतम शैक्षिक योग्यता बारहवीं बताई. समिति ने भावना से कहा कि वह यूनिवर्सिटी/कॉलेज से अपनी डुप्लीकेट डिग्री हासिल करें और उसे पेश करें. सूत्रों के मुताबिक, भावना गौड़ ने अपनी डिग्री पेश कर दी, जिसके बाद समिति ने इस आरोप से उन्हें बरी कर दिया.


                               AAP के फॉर्म में B.A. B.Ed.


                           लेकिन EC के हलफनामे में 12वीं पास

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दूसरा विवाद: मकान हड़पना
भावना गौड़ पर लगा दूसरा 'दाग' कहीं ज्यादा संगीन है. 1999 में उन पर एक महिला के मकान में गैरकानूनी निर्माण करवाकर जगह कब्जाने का आरोप लगा था. मामला कोर्ट में गया और 2007 में अदालत ने कब्जाई हुई जगह सीज करने और ताले खोलने का आदेश दिया. ताला खोलने के बाद उस जगह से जो चीजें मिलीं, उनका जिक्र उस समय के अखबारों में भी हुआ. इस दौरान वह बीजेपी की पार्षद हुआ करती थीं. (कोर्ट का पूरा आदेश पढ़ने के लिए स्टोरी के आखिर में जाएं)

AAP कार्यकर्ताओं का एक गुट नाराज ?
याद रहे कि आम आदमी पार्टी यह कहती रही है कि वह पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही किसी को टिकट देते हैं और अगर इसके बाद भी किसी के खिलाफ शिकायत मिलती है तो एक कमेटी उन आरोपों की जांच करती है. आरोप सही पाए जाने पर पार्टी प्रत्याशियों से टिकट वापस लेने का दावा भी करती है. भावना गौड़ पर आरोपों का मामला पिछली बार भी सामने आया था, लेकिन पार्टी ने जांच के बाद उन्हें क्लीन चिट दी थी. इस साल दोबारा शिकायत आई है तो पार्टी की समिति जांच कर रही है. हालांकि पालम में AAP कार्यकर्ताओं का एक समूह पार्टी नेतृत्व से नारा है और भावना गौड़ का नाम वापस लिए जाने की मांग कर रहा है.

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                         भावना गौड़ के मामले मेंकोर्ट की बेलिफ

पार्टी प्रवक्ता का डिप्लोमेटिक जवाब
हालांकि औपचारिक तौर पर पार्टी इस बारे में कुछ भी नहीं बता रही. AAP प्रवक्ता आतिशी मारलेना से जब इस बारे में बात हुई तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि अगर किसी प्रत्याशी के खिलाफ शिकायत आती है तो उन आरोपों की जांच करने के लिए एक कमेटी है. अगर भावना गौड़ के बारे में शिकायत आएगी तो उनकी भी जांच की जाएगी. आतिशी से जब पूछा गया कि क्या भावना के खिलाफ कोई शिकायत पार्टी फोरम में की गई है, तो उन्होंने इसे पार्टी का अंदरूनी मसला बताया और जवाब देने से इनकार कर दिया.

भावना बनाम मिलन का मामला तो नहीं!
सूत्र बता रहे हैं कि पार्टी भावना गौड़ का टिकट काटने से इसलिए बच रही है क्योंकि पालम से उसके पास भावना के मुकाबले कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं है. हर हाल में सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही AAP 'कमजोर' प्रत्याशी उतारने का जोखिम नहीं लेना चाहती. हालांकि पालम से मिलन भी टिकट की दौड़ में थे. मिलन शहीद मंजूनाथ के बैचमेट रहे हैं और यहां कार्यकर्ताओं का एक गुट उन्हें टिकट दिए जाने के पक्ष में था. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी नेता यह जानते हैं कि मिलन के समर्थक जान-बूझकर भावना गौड़ के विवाद को हवा दे रहे हैं. हालांकि AAP कार्यकर्ताओं के उस गुट का कहना है कि अगर पार्टी भावना गौड़ का नाम वापस लेकर मिसाल पेश करती है तो वे पार्टी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार हैं.

पढ़ें भावना गौड़ बनाम प्रेम लता के मामले में कोर्ट का आदेश
आदेश का पहला हिस्सा
आदेश का दूसरा हिस्सा
आदेश का तीसरा हिस्सा

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