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जल्द ही देश में इंटरनेट की स्पीड हो जाएगी दोगुनी, अभी श्रीलंका से भी पीछे

फिलहाल इंटरनेट की स्पीड के मामले में भारत दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले काफी पीछे 89वें नंबर पर है और ये श्रीलंका और वियतनाम जैसे देशों से भी पीछे है.

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बालकृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 07 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 7:56 PM IST

कछुए की गति से चलने वाले इंटरनेट स्पीड से परेशान हैं तो आपके लिए ये किसी खुशखबरी से कम नहीं है. आने वाले दिनों में देश में इंटरनेट की स्पीड दोगुनी होने जा रही है और मोबाइल पर भी नेट चलने की स्पीड में जबरदस्त इजाफा होने जा रहा है.

ऐसा इसलिए संभव हो सकेगा क्योंकि सरकार ने  फैसला किया है कि E और V बैंड को भी इस्तेमाल के लिए खोला जाएगा. फिलहाल ये बैंड सरकार के पास सुरक्षित थे और अभी इनका इस्तेमाल नहीं हो रहा था. संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने मंगलवार को बताया की E और V बैंड को उपलब्ध कराए जाने की मांग टेलिकॉम कंपनियां लंबे समय से कर रही थीं और अब इसे मान लिया गया है. जल्द ही संचार मंत्रालय इस बारे में प्रस्ताव मंजूरी के लिए कैबिनेट के सामने पेश करेगा.

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फिलहाल इंटरनेट की स्पीड के मामले में भारत दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले काफी पीछे 89वें नंबर पर है और ये श्रीलंका और वियतनाम जैसे देशों से भी पीछे है.

गौरतलब है कि भारत में इंटरनेट की स्पीड औसतन 6.5 Mbps है  जबकि इस मामले में नंबर वन देश साउथ कोरिया में इंटरनेट की औसतन स्पीड 28Mbps है.

सरकार भारत नेट योजना के जरिए गांव गांव तक ऑपटिकल फाइबर के जरिए इंटरनेट का कनेक्शन पहुंचाने के पीछे पूरी ताकत लगा रही है. अभी तक 2 लाख 38 हजार किलोमीटर की ऑपटिकल फाइबर की लाइन बिछाई जा चकी है.

लेकिन टेलिकाम इंडस्ट्री की लंबे समय से ये मांग रही है कि सरकार E और V बैंड इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराये. इन बैंड के जरिए कम दूरी में बेहद तेज स्पीड का इंटरनेट उपलब्ध कराना आसान होता है. भारत में डेटा की खपत बहुत तेजी से बढ रही है लेकिन इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढने के साथ ही लोगों की शिकायत रहती है कि इंटरनेट की स्पीड कम होती जा रही है.

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