
ईरान ने अमेरिका की चेतावानियों को नजरअंदाज करते हुए मध्यम दूरी की एक नई मिसाइल का सफल परीक्षण किया. यह मिसाइल 2,000 किलोमीटर की दूरी तक मार करने में सक्षम है. सरकारी टीवी पर खुर्मशहर मिसाइल प्रक्षेपण की तस्वीरें दिखाई गई हैं.
इस मिसाइल का प्रदर्शन पहली बार शुक्रवार को सैन्य परेड के दौरान किया गया था. प्रसारक ने हालांकि परीक्षण की कोई तारीख नहीं बताई, लेकिन अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा था कि इसका जल्द परीक्षण किया जाएगा.
इससे पहले ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने शुक्रवार को कहा था कि उनका देश अमेरिका और फ्रांस की आलोचना के बावजूद अपनी बैलिस्टिक मिसाइल क्षमताओं को बढ़ाएगा. इराक के साथ 1980-1988 के ईरान के विनाशकारी युद्ध के शुरू होने की बरसी पर अपने भाषण में रूहानी ने कहा, चाहे आप पसंद करें या नहीं, हम अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने जा रहे हैं जो बचाव के लिए जरूरी है.
रूहानी ने कहा, हम न केवल अपनी मिसाइल क्षमताओं को मजबूत करेंगे, बल्कि हवाई, जमीनी और समुद्री बलों को भी मजबूत बनाएंगे. जब अपने देश की रक्षा की बात आती है तो हमें किसी की इजाजत लेने की जरूरत नहीं है.
बता दें कि ईरान और विश्व की बड़ी शक्तियों के बीच 2015 के परमाणु समझौते पर डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की आलोचना अब ईरान के मिसाइल कार्यक्रम पर केंद्रित हो गई है. इस पर ईरान ने कहा कि समझौते की शर्तों के तहत मिसाइलें पूरी तरह वैध हैं, क्योंकि वे परमाणु आयुध ले जाने के हिसाब से डिजाइन नहीं की गई हैं.
बहरहाल, अमेरिका का कहना है कि ईरान ने समझौते की भावना का उल्लंघन किया है क्योंकि वे परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम हैं. अमेरिका के इस रुख को फ्रांस का समर्थन मिला है. फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कहा कि इस समझौते का मिसाइल परीक्षणों पर प्रतिबंध तक विस्तार किया जाना चाहिए और उस सेक्शन को हटाया जाना चाहिए जिसके तहत ईरान वर्ष 2025 से कुछ यूरेनियम संवर्धन फिर से शुरू कर सकता है.