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मुंबई के कल्याण से इस्लामिक स्टेट के लिए लड़ने गया 22 साल का युवक शुक्रवार को पश्चिम एशिया से लौट आया. नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने उससे पूछताछ की, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. अरीब माजिद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. उस पर भारत के मित्र देश के खिलाफ जंग छेड़ने, भारत में आतंकी हमले की साजिश करने और गैरकानूनी संस्था से जुड़ने का केस दर्ज किया गया है. इसमें अधिकतम सजा उम्रकैद हो सकती है.
पहले माना जा रहा था कि अरीब माजिद की एक हवाई हमले में मौत हो गई है. लेकिन वह जिंदा निकला और तुर्की से लौटने के लिए उसने अपने पिता को फोन करके मदद मांगी. उसे शनिवार को एक विशेष एनआईए अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.
सूत्र बताते हैं कि अरीब शुक्रवार सुबह 5:15 बजे मुंबई एयरपोर्ट पहुंचा और वहीं पर एनआईए अधिकारियों ने उसे हिरासत में ले लिया. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देर रात एनआईए को मामला दर्ज करने का निर्देश देते हुए अधिसूचना जारी की. इस साल मई में कल्याण से आरिफ मजीद समेत चार युवक पश्चिम एशिया के धार्मिक स्थलों की यात्रा के लिए गये थे जिनमें शाहीन टांकी, फहद शेख और अमन टांडेल भी थे. लेकिन बाद में वे गायब हो गए. संदेह था कि वे पश्चिम एशिया में सक्रिय आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) में शामिल हो गए.
सूत्रों के मुताबिक, एनआईए को उसके तुर्की आने के बारे में पता चला. इंटेलीजेंस और एनआईए की एक टीम तुर्की पहुंची और अरीब को वापस भारत आने के लिए राजी किया. अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि अरीब के पास पासपोर्ट भी नहीं था, इसलिए भारतीय दूतावास से उसकी आपात यात्रा के लिए विशेष दस्तावेज बनवाया गया. अरीब इंजीनियरिंग छात्र है. फेसबुक पर उसका कथित अकाउंट धार्मिक संदेशों से भरा पड़ा है.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरिफ शुक्रवार सुबह लौटा और एनआईए और महाराष्ट्र एटीएस ने उससे पूछताछ की. एक सूत्र के अनुसार यहां लौटने के तत्काल बाद आरिफ की मेडिकल जांच कराई गयी. उसके पारिवारिक मित्र इफ्तखार खान ने कहा, ‘आरिफ के पिता एजाज को आज सुबह सुरक्षा एजेंसियों से फोन आया. उन्हें बताया गया कि उनका बेटा मुम्बई में है.’
अन्य यात्रियों ने भारत लौटने पर बताया कि आरिफ, शाहीन, फहद और अमन किराये पर टैक्सी लेकर बगदाद के पश्चिम में स्थित शहर फलुजाह चले गए थे जो इराक के चरमपंथ के केंद्र के रूप में उभरा है. एक पारिवारिक मित्र अतीक खान ने संवाददाताओं से कहा, ‘26 अगस्त को शाहीन टांकी ने आरिफ के परिवार को फोन किया था और कहा था कि उनका बेटा सीरिया में आईएसआईएस के पक्ष में लड़ते हुए शहीद हो गया.’ अगले दिन आरिफ के परिवार ने कल्याण में ‘जनाजा-ए-गयाबाना’ (शव की अनुपस्थिति में दिवंगत आत्मा के लिए की जाने वाली रस्म) पढ़ी.
हाल ही में आरिफ के पिता एजाज मजीद ने कथित रूप से एनआईए से भेंट की थी और उससे कहा था कि उनका बेटा तीन महीने तक आईएसआईए के पक्ष में लड़ाई करने के बाद उसके नियंत्रण वाले क्षेत्र से भागकर तुर्की चला गया और अब वह भारत लौटना चाहता है.