
ईशांत शर्मा के बचपन के कोच श्रवण कुमार का मानना है कि श्रीलंका के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन करने वाला यह तेज गेंदबाज अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ दौर में है और अपनी इस ‘नई’ आक्रामकता को भी जल्दी ही काबू में कर लेगा.
भारत को 22 साल बाद श्रीलंकाई सरजमीं पर टेस्ट सीरीज जिताने में बड़ा योगदान देने वाले ईशांत को सीरीज के आखिरी मैच में विरोधी खिलाड़ियों से मैदान पर उलझने के कारण एक टेस्ट के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. इस प्रतिबंध के बाद वह भारत दौरे पर आ रही दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नवंबर में पहला टेस्ट नहीं खेल सकेंगे.
ईशांत की आक्रामकता का कारण कोहली
श्रवण ने कहा, ‘मैंने भी पहली बार उसे इस तरह आपा खोते देखा. वह इतना आक्रामक कभी नहीं था लेकिन वह इस पर नियंत्रण कर लेगा क्योंकि वह काफी परिपक्व हो गया है. कप्तानी में बदलाव भी इसका कारण हो सकता है क्योंकि पहले धोनी कैप्टन कूल थे और अब नया टेस्ट कप्तान विराट कोहली खुद काफी आक्रामक है.’
उन्होंने कहा कि ईशांत नए तेज गेंदबाजों के मेंटर की भूमिका बखूबी निभा रहा है और अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ दौर में है. श्रवण ने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि यह उसके करियर का सर्वश्रेष्ठ दौर है. वह काफी अनुभवी है और उसकी फिटनेस भी बेहतरीन है. नए गेंदबाजों को उससे प्रेरणा मिलेगी और दोनों छोर से अच्छी गेंदबाजी भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा संकेत है. उसके साथ उमेश यादव ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया.’ उन्होंने कहा, ‘उपमहाद्वीप की पिचें आम तौर पर स्पिनरों की मददगार होती है लेकिन तीसरे टेस्ट की पिच पर घास थी जिसका तेज गेंदबाजों को पूरा फायदा मिला.’
ईशांत ने रन अप छोटा किया
यह पूछने पर कि क्या ईशांत ने अपनी गेंदबाजी में कोई बदलाव किया है, उन्होंने ना में जवाब दिया. उन्होंने कहा, ‘कोई खास बदलाव नहीं किया. बस इस बार अभ्यास पर ज्यादा फोकस किया और रन अप छोटा किया. लाइन और लेंथ पर भी ध्यान दिया जिससे तीनों मैचों में अच्छा प्रदर्शन कर सका.’
श्रवण ने यह भी कहा कि ईशांत ने श्रीलंका जाने से पहले उनसे किया वादा भी निभाया. उन्होंने कहा, ‘श्रीलंका जाने से पहले जब वह मुझसे मिलने आया था तब मैने उससे 200 टेस्ट विकेट पूरी करने को कहा था. उसने कहा कि इस बार पूरी करके ही लौटूंगा और उसने अपना वादा निभाया. एक कोच के लिए इससे ज्यादा खुशी की बात क्या हो सकती है.’