Advertisement

जिस शख्स ने भारत में विधवा विवाह की नींव रखी...

ईश्वर चंद्र विद्या सागर को हमारा देश एक ऐसे समाज सुधारक के तौर पर जानता है जिसने विधवा पुनर्विवाह की नींव भारत में डाली. स पुरोधा का निधन साल 1891 में 29 जुलाई के रोज हुआ था.

Ishwar Chandra Vidyasagar Ishwar Chandra Vidyasagar
विष्णु नारायण
  • नई दिल्ली,
  • 29 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 11:43 AM IST

हमारी दुनिया में बदलाव एक बड़ी ही मुश्किल प्रक्रिया है और वह बदलाव गर समाज की रूढ़ियों और कुरीतियों को लेकर हो तो फिर बड़ी मुश्किलें होती हैं. ईश्वरचंद्र विद्या सागर एक ऐसे ही शख्स का नाम था. उन्होंने विधवा पुनर्विवाह की शुरुआत की. इस पुरोधा का निधन साल 1891 में 29 जुलाई के रोज हुआ था.

1. वे एक फिलॉसफर, एकेडेमिक, लेखक, ट्रांसलेटर, प्रकाशक , उद्यमी, सुधारक और समाजसेवी थे.

Advertisement

2. उन्होंने समाज में विधवाओं की दुबारा शादी कराने की पैरवी की. साल 1856 के विडो रिमैरेज ऐक्ट XV को आगे बढ़ाया.

3. बंगाली अल्फाबेट को दुबारा आकार दिया. बंगाली टॉपोग्राफी में सुधार किया.

4. रवींद्रनाथ टैगोर ने उनके निधन पर कहा था कि हैरत होती है कि ईश्वर ने 4 करोड़ बंगाली बनाते वक्त एक महात्मा को कैसे बनाया.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement