
हमारी दुनिया में बदलाव एक बड़ी ही मुश्किल प्रक्रिया है और वह बदलाव गर समाज की रूढ़ियों और कुरीतियों को लेकर हो तो फिर बड़ी मुश्किलें होती हैं. ईश्वरचंद्र विद्या सागर एक ऐसे ही शख्स का नाम था. उन्होंने विधवा पुनर्विवाह की शुरुआत की. इस पुरोधा का निधन साल 1891 में 29 जुलाई के रोज हुआ था.
1. वे एक फिलॉसफर, एकेडेमिक, लेखक, ट्रांसलेटर, प्रकाशक , उद्यमी, सुधारक और समाजसेवी थे.
2. उन्होंने समाज में विधवाओं की दुबारा शादी कराने की पैरवी की. साल 1856 के विडो रिमैरेज ऐक्ट XV को आगे बढ़ाया.
3. बंगाली अल्फाबेट को दुबारा आकार दिया. बंगाली टॉपोग्राफी में सुधार किया.
4. रवींद्रनाथ टैगोर ने उनके निधन पर कहा था कि हैरत होती है कि ईश्वर ने 4 करोड़ बंगाली बनाते वक्त एक महात्मा को कैसे बनाया.