
जब जब आतंक का ये आका शांत पड़ता है तब तब दुनिया शक़ में पड़ जाती है कि कहीं ये कोई बड़ी प्लानिंग तो नहीं कर रहा? और होता भी यही है. इस बार भी दुनिया के इस सबसे बड़े आतंकी ने एक वीडियो जारी कर अपनी नई तैयारी का खुलासा किया है. ये तैयारी है इराकी और कुर्दिश सेना के जवानों को छुपरकर गोली मारने की. बगदादी के इस मिशन को पूरा कर रहे हैं वो निशानचीन जिन्हें बगदादी ने अपने बुरे वक़्त के लिए तैयार किया था और बचा कर रखा था.
बगदादी के इस नए फरमान के बाद उसके सबसे हाईटेक आतंकी दहशत की सल्तनत को बचाने की आखिरी कोशिशों में जुट गए हैं. बेहद एडवांस्ड स्नाइपर रायफलों से लैस आतंक के इन गुर्गों का एक ही मकसद है, मारो वरना वहीं मर जाओ. बगदादी को भी अंदेशा होने लगा है कि अब इराक में उसकी खिलाफत के ज़्यादा दिन बचे नहीं हैं. लिहाज़ा अपनी सल्तनत बचाने के लिए वो हर जतन कर रहा है. अपनी इस आखिरी कोशिश में ही उसने अपने इन निशांचियों को मैदान में उतारा है.
जो कायरों की तरह मोसुल के इलाकों में छुपछुप कर सैनिकों को अपनी गोलियों का निशाना बना रहे हैं. आतंक के आका ने इस मिशन को नाम दिया है 'द स्ट्राइक ऑफ बुलेट'. बगदादी अपने इन निशांचियों को पिछले कई सालों से तैयार कर रहा था. मगर आतंक के इन गुर्गों को इतनी जल्दी मैदान में उतारने की नौबत आ जाएगी. ये उसे अंदाज़ा नहीं था. इन्हें फरमान दिया गया है कि न तो एक भी गोली ज़ाया जाए और न ही गोली किधर से आई इसका अंदाज़ा लग पाए.
लिहाज़ा जब तक डबल श्योर न हो जाओ गोली नहीं चलनी चाहिए. इसीलिए जब इराकी सैनिक इस टरगेट के बीचोबीच में नज़र आते हैं, तभी होती है ट्रिगर पर रखी उंगली में जुंबिश. नीचे चारों तरफ से इराकी और कुर्दिश सेनाओं ने घेर लिया है. ऊपर अमेरिकी जेट फाइटरों ने बारूद बरसा कर जीना हराम कर रखा है. ज़िंदगी की उम्मीद किसी भी सूरत में नज़र नहीं आ रही है. मगर जलने के बाद भी रस्सी का बल अभी बाकी है. बगदादी के गुर्गों ने ये तय किया है कि ना जिएंगे. ना जीने देंगे.
जब जब सेना को लगता है कि इलाके को उन्होंने आतंकियों से आज़ाद करा लिया है. तब तब ये निशांची छुपकर गोली चलाते हैं. दुश्मन का सामना करना आसान है मगर इन कायरों का कोई सामना कैसे करे जो बिल में दुबक कर हमला करते हैं. निशांचियों को ये खास तरह की पोशाक इसलिए दी गई है ताकि दूर से इन्हें पहचानने में सेना धोखा खा जाए. दूरबीन इसलिए ताकि सेना के हर मूवमेंट पर नज़र रखी जा सके. कैमरा इसलिए ताकि मालिक को ये अपनी दरिंदगी का सबूत देकर ईनाम हासिल कर सकें.